राजस्थान सहित पाँच राज्यों में चुनाव की घोषणा के दिन ही बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद असंतोष की ख़बरें आ रही हैं। जानिए, बीजेपी ने अब क्या रणनीति अपनाई।
राज्यों के चुनाव में क्षत्रपों की बगावत से मोदी का रास्ता अब कांटों भरा नज़र आ रहा है।ये राज्य मोदी हारे तो लोकसभा में भी बड़ा झटका लगा सकता है। आज की जनादेश चर्चा इसी विषय पर
राजस्थान में बीजेपी के सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा के मायने क्या हैं? वसुंधरा राजे के चेहरा आगे क्यों नहीं किया गया? इन सवालों से इतर उम्मीदवारों की पहली सूची में क्या वसुंधरा खेमे को तवज्जो मिली?
मोदी-शाह एक-एक करके तमाम क्षत्रपों के पर क्यों कतर रहे हैं? क्या बीजेपी के क्षेत्रीय नेता नाकारा हो गए हैं? क्या मोदी-शाह एक नया नेतृत्व खड़ा करना चाहते हैं? क्या इस अभियान के पीछे पूर्ण राजनीतिक नियंत्रण कायम करना है? क्या इसके पीछे कोई आर्थिक एजेंडा भी काम कर रहा है? कहीं ये रणनीति बीजेपी को भारी तो नहीं पड़ जाएगी?
राजस्थान में भाजपा को अपनी परिवर्तन यात्रा के लिए दूसरे राज्यों के नेताओं और मुख्यमंत्रियों को प्रचार के लिए बुलाना पड़ रहा है। हालांकि यह कोई खास बात नहीं है। लेकिन यह खास बात तब हो जाती है जब भाजपा का मुख्य चेहरा वसुंधरा राजे राजस्थान छोड़कर गायब हो जाता है। राज्य में इसी साल के अंत में चुनाव हैं।
राजस्थान में बीजेपी को लेकर मतदाताओं में उत्साह क्यों नहीं दिख रहा? बीजेपी के दिग्गज नेताओं की रैलियों में भीड़ क्यों नहीं जुट रही? क्या ये वसुंधरा को किनारे लगाने की वज़ह से है? क्या बीजेपी नेतृत्व की रणनीति फेल हो रही है? बीजेपी हाईकमान इतना तनाव में क्यों है?
भाजपा नेतृत्व लोकसभा चुनाव से पहले एक नहीं कई राज्यों में क्षेत्रीय क्षत्रपों की बगावत से जूझ रही है. राजस्थान भी उनमे एक है. वसुंधरा ने लगता है मोदी शाह का खेल बिगाड़ दिया है. आज की जनादेश चर्चा.
चुनाव के पहले राजस्थान बीजेपी में घमासान मचा है । वसुंधरा कैंप को हाशिये पर डालने की कोशिश लगातार हो रही है । अब उनके सहयोगी और पूर्व विधानसभा स्पीकर को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है । क्या है इसके मायने ? आशुतोष के साथ चर्चा में विजय विद्रोही और अनिल शर्मा ।
राजस्थान भाजपा में संकट बढ़ गया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को मोदी सरकार का सबसे भ्रष्ट मंत्री बताने वाले भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल को बुधवार को पार्टी से निलंबित कर दिया गया। उधर, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बुधवार शाम को राजस्थान में चुनाव की रणनीति और संभावित प्रत्याशियों पर चर्चा करने वाला है।
Satya Hindi news Bulletin हिंदी समाचार बुलेटिन । वसुंधरा राजे हुईं बागी, भाजपा को ऐसे दिया जवाब । वसुंधरा का संकेत: ‘…तो मेरे रास्ते में कोई बाधा नहीं आएगी’
राजस्थान में एक तरफ भाजपा की परिवर्तन यात्रा निकल रही है तो दूसरी तरफ वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 1 सितंबर को धार्मिक यात्रा पर थीं। उन्हें भाजपा ने अपने चुनाव अभियान में फिलहाल शामिल करने की घोषणा नहीं की है। लेकिन सवाई माधोपुर की परिवर्तन यात्रा में शनिवार को उन्हें अपने मंच पर बुलाने में सफल रही। राजस्थान में भाजपा की क्या है राजनीतिः
बीजेपी चुनाव मोड में आई। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों के नाम का एलान। लेकिन राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया को किनारे लगाया गया। दो समितियों से उन्हें बाहर रखकर क्या पाएगी बीजेपी? क्या यह फैसला मोदी को महंगा पड़ेगा? आलोक जोशी के साथ विजय विद्रोही, विजय त्रिवेदी और अनिल शर्मा।
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने गुरुवार को दो समितियों की घोषणा की है। ये दो समितियां प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश संकल्प पत्र समिति है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नहीं रखा गया है।
राजस्थान की राजनीति में फिर भाजपा फिर पुरानी गल्ती दोहराने जा रही है?वसुंधरा को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाना क्या भाजपा को भारी पड़ेगा?आज की जनादेश चर्चा.