भाजपा तीन राज्यों में एक हफ्ते बाद भी अपने मुख्यमंत्री चेहरे नहीं तलाश पाई है। राजस्थान में जबरदस्त ड्रामा चल रहा है। महंत बालकनाथ तिजारा से विधायक चुने गए हैं। वो कभी सीएम रेस में शामिल हो जाते हैं, कभी पीछे हट जाते हैं। उन्होंने शुक्रवार को भाजपा के पर्यवेक्षकों और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। शनिवार को उन्होंने ट्वीट करके खुद को रेस से बाहर कर लिया।
बीजेपी के आलाकमान भी लगातार बैठकों के बाद भी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सीएम का नाम तय नहीं कर पाए। जानिए, अब तीनों राज्यों के लिए कौन ऑब्जर्वर नियुक्ति किए गए।
अभी तक राजस्थान में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा फ़ैसला नहीं हो पाया है ? क्या वसुंधरा को मौक़ा नहीं मिलेगा ! अगर नहीं मिला तो वो क्या करेगी ? मोदी को चुनौती देंगी ? आशुतोष ने की जयपुर स्थित वरिष्ट पत्रकार अनिल शर्मा से बात ।
भाजपा संसदीय बोर्ड ने तीन राज्यों एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को लेकर सीएम के नाम पर कोई फैसला नहीं लिया। बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में यह जरूर बताया गया कि पीएम मोदी ने पार्टी के टीम वर्क की तारीफ की लेकिन और कोई जानकारी नहीं दी गई। इस बीच आश्चर्यजनक रूप से राजस्थान के सीएम के रूप में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम सामने आया है। भाजपा सांसद योगी बालकनाथ ने भी अब गुरुवार को इस्तीफा दे दिया है यानी वो भी दौड़ में शामिल हो गए हैं।
राजस्थान में भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विधायक दल की बैठक अभी नहीं हो पाई है, ताकि सीएम का नाम तय हो सके। पूर्व सीएम वसुंधरे राजे बुधवार की देर रात दिल्ली पहुंच गई लेकिन उन्होंने कहा कि वो बहू को देखने आई हैं। यानी किसी केंद्रीय भाजपा नेता से मिलने नहीं आई हैं। लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चाहे तो उनसे दिल्ली में बात कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक हुई। ये बैठक तीन राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नाम तय करने के लिए बुलाई गई थी। लेकिन तमाम नामों पर विचार के बावजूद पसोपेश बरकरार है। आखिर नाम तय करने में भाजपा देर क्यों कर रही है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को होना है। भाजपा ने अब दस दिनों पहले अपने केद्रीय नेतृत्व को राजस्थान के मोर्चे पर भेजने का फैसला किया है। इसमें पीएम मोदी भी शामिल हैं। राजस्थान भाजपा के बड़े क्षेत्रीय नेता दरअसल अपने विधानसभा क्षेत्र में फंस कर रह गए हैं, इसलिए भाजपा को यह कदम उठाना पड़ा। पढ़िए पूरी रिपोर्टः
एबीपी न्यूज के मुताबिक एबीपी-सी वोटर सर्वे के मुताबिक राजस्थान में सबसे ज्यादा 41 प्रतिशत लोग सीएम पद पर अशोक गहलोत को देखना पसंद करते हैं। हालांकि सबसे ज्यादा सीटें भाजपा को मिलने का अनुमान है।
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके करीब 15 दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रिटायरमेंट का संकेत देकर राजस्थान की राजनीति में चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की दूसरी सूची क्या कहती है? क्या मोदी-शाह को वसुंधरा राजे के सामने झुकना पड़ा है? क्या वसुंधरा इससे संतुष्ट हो जाएंगी? डॉ . मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं– राजेश बादल, विजय विद्रोही, अनिल शर्मा, ओम सैनी, सतीश के सिंह
भाजपा ने राजस्थान की अपनी दूसरी सूची शनिवार 21 अक्टूबर को जारी कर दी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण नाम वसुंधरा राजे का है। उनके कई समर्थकों के नाम भी सूची में हैं। कहा जा सकता है कि वसुंधरा को पार्टी नजरन्दाज नहीं कर पाई है।
राजस्थान सहित पाँच राज्यों में चुनाव की घोषणा के दिन ही बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद असंतोष की ख़बरें आ रही हैं। जानिए, बीजेपी ने अब क्या रणनीति अपनाई।
राज्यों के चुनाव में क्षत्रपों की बगावत से मोदी का रास्ता अब कांटों भरा नज़र आ रहा है।ये राज्य मोदी हारे तो लोकसभा में भी बड़ा झटका लगा सकता है। आज की जनादेश चर्चा इसी विषय पर