देश के दो बड़े राज्यों- उत्तर प्रदेश और बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था क्यों चरमराई है? जिस बिहार में नीतीश कुमार 16 साल से मुख्यमंत्री हैं वहाँ अस्पताल इतनी ख़राब हालत में क्यों हैं?
उत्तर प्रदेश की क़रीब 20 करोड़ की आबादी में से 15 करोड़ लोगों को ग़रीबों वाला राशन मिलता है तो इसी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शाही अंदाज में शपथ ग्रहण समारोह पर पैसा क्यों बहाया?
महात्मा गांधी ने हमेशा हिंदू-मुसलिम एकता की वकालत की। इसी वजह से उनको अपनी जान गँवानी पड़ी। लेकिन गांधी के सपने को क्या सांप्रदायिक नफ़रत से तोड़ने की कोशिश की जा रही है? द कश्मीर फाइल्स फिल्म को कैसे देखा जाएगा?
पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आए तो पता चला कि तमाम गंभीर मुद्दे गौण हो गए और जनता ने भावनाओं में बहकर मतदान किया। लेकिन क्या इससे वो मुद्दे खत्म हो गए। जानिए ये सब क्यों हुआ।
देश में संस्थाएँ क्या अपना ठीक से काम कर रही हैं? क्या रोजगार पर या विदेश मामले में स्पष्ट नीति है? चुनाव आयोग से लेकर क़ानून लागू करने वाली एजेंसियाँ तक अपना दायित्व निभा रही हैं?
ग्रीक दार्शनिक अरस्तू ने कहा था कि “एक व्यक्ति का शासन होने से अच्छा है कि कानून का शासन हो, क्योंकि ऐसा होने से कानून के संरक्षक को भी कानून का पालन करना पड़ता है”।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में संसद में इतिहास के जरिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर जो टिप्पणियां कीं, उसी बहस को इस लेख में आगे बढ़ाया गया है।
विपक्षी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी जब संसद में सरकार के मंसूबे पर सवाल उठा रहे थे तो सत्ता पक्ष की तीखी प्रतिक्रिया क्या दिखाती है? राहुल ने जो सवाल उठाए क्या वे सरकार को परेशान करने वाले नहीं हैं?
बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों ने रेलवे एनटीपीसी की परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर प्रदर्शन किए। लेकिन क्या ऐसे छात्रों के लिए प्रदर्शन या आंदोलन करना इतना आसान है?
‘ब्रह्मकुमारीज’ के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने क्या नागरिक अधिकारों को कम करने या ख़त्म करने का संकेत दिया है? उन्होंने क्यों कहा कि 75 साल हम सिर्फ़ अधिकारों की बात कर अपना समय बर्बाद करते रहे?
2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक वादे करते रहे, लेकिन क्या उनमें से कोई पूरा हुआ? क्या उन्होंने पूरे कार्यकाल अपने 'मन की बात' ही की?
“अपने सीएम चन्नी को धन्यवाद कहना कि मैं ज़िंदा लौट आया: प्रधानमंत्री”। यदि यह कटाक्ष था तो क्या प्रधानमंत्री के पद की गरिमा के अनुसार था? यदि यह सीधे तौर पर धन्यवाद था तो फिर उन्हें किससे ख़तरा था?
धर्म संसद जैसे आयोजनों में खुलेआम हत्या और नरसंहार के लिए प्रोत्साहित क्यों कर रहे हैं। क्यों ऐसे लोग महात्मा गांधी को गालियाँ दे रहे हैं और उनके हत्यारे गोडसे की तारीफ़ कर रहे हैं?
हरिद्वार में 'धर्म संसद' में नफरत वाले भाषण क्यों दिये गए? क्या 'धर्म संसद' की भाषा भारत में बड़े बदलाव की कहानी कह रही है? आख़िर देश में क्या चल रहा है?