1947 की आज़ादी को 'भीख में मिली आज़ादी' बताना ऐसे है जैसे पृथ्वी पर जीवित व्यक्ति वायु के अस्तित्व को खारिज कर दे, लेकिन क्या इसके लिए कंगना की गरिमा को चोटिल करना जायज है? क्या एक महिला का इस तरह अपमान किसी भी रूप में सही है?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जब सिर्फ़ छह महीने बचे हैं तो योगी सरकार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल क्यों किया? वह भी तब जब योगी सरकार साढ़े चार साल की कथित उपलब्धियाँ गिना रही है?