अतीक अशरफ डबल मर्डर में यूपी सरकार ने 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। समझा जाता है कि उसके संकेतों पर यह कार्रवाई हुई है। अतीक अशरफ का 15 अप्रैल को टीवी कैमरे के सामने मर्डर किया गया था।
जिस इलाके में यह घटना हुई है वह प्रयागराज का व्यस्ततम कटरा इलाका है जहां हर समय भीड़ रहती है। इसके अलावा प्रयागराज सहित पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है।
'भारी पुलिस बल' और मीडिया कर्मियों के कैमरे के सामने ही अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों हत्यारे कौन हैं? क्या उन्होंने कुख्यात होने के लिए ऐसा किया?
पूर्व सांसद अतीक अहमद का एक पत्र सामने आया है, जिसमें कुछ सनसनीखेज जानकारी है। मारे जाने से पहले वो पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री और भारत के चीफ जस्टिस को भेजने को कहा था। अतीक के वकील विजय मिश्रा ने सत्य हिन्दी पर इस पत्र का खुलासा करके इस मामले में नया धमाका कर दिया है।
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या के मामले में न्यायिक जाँच समिति गठित करने के बाद एसआईटी का गठन क्यों किया गया है? जानें क्या है वजह।
अतीक अहमद की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे और आख़िरकार हत्या कर भी दी गई। पुलिस की सुरक्षा में ही और लाइव कवरेज के दौरान ही। जानिए आख़िर क्यों पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस की मौजूदगी में ही अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में हत्या के बाद क्या राज्य में स्थिति सामान्य है? क्या हालात ख़राब होने का डर है? जानें यूपी सरकार, पुलिस ने क्या-क्या क़दम उठाए हैं।
अतीक अहमद के एनकाउंटर किए जाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन हत्या कर दी गई। वह भी पुलिस की सुरक्षा में ही। आख़िर यह सब कैसे हुआ, घटनाक्रम क्या इशारा करता है और इसके कौन ज़िम्मेदार हैं?
झांसी में हुए एनकाउंटर में मारे गए असद अहमद को दो गोलियां और गुलाम को एक गोली लगी। हालांकि यूपी पुलिस ने इसे बहुत बड़ा एनकाउंटर बताया था, जिसमें 59 राउंड गोली चलने की बात कही गई थी। इस एनकाउंटर में कोई पुलिस वाला घायल नहीं हुआ है।
पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और गुलाम के एनकाउंटर में पुलिस ने जो कहानी बताई है, इंडिया टुडे की ग्राउंड रिपोर्ट ने उस कहानी को पलट दिया है। इससे पुलिस की कहानी पर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं। जानिए क्या हैं तथ्यः
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में अब तक 183 एनकाउंटर हो चुके हैं। इसे योगी आदित्यनाथ स्टाइल में इंसाफ देना कहा जा रहा है। यूपी के एडीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि यूपी पुलिस सीएम के निर्देश पर जीरो टालरेंस के आधार पर काम कर रही है। लेकिन क्या ये एनकाउंटर किसी और तरफ भी इशारा हैं।
गैंगस्टर अतीक अहमद का बेटा उमेश पाल हत्याकांड के बाद दिल्ली चला आया था। लेकिन पुलिस को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी। उसी पुलिस को उसकी लोकेशन झांसी में मिल गई और सफल एनकाउंटर को अंजाम दिया गया।