जहां एक ओर पूरे देश में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी फरवरी-मार्च 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। RSS सरकार्यवाह की लखनऊ में बैठक!, क्या यूपी में होगा बदलाव?‘टूलकिट’: दो कांग्रेसी नेताओं को दिल्ली पुलिस का नोटिस। देखिए दोपहर तक की ख़बरें -
उत्तर प्रदेश जैसे विशालकाय सूबे की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने सोमवार को एलान किया है कि उनकी पार्टी बीएसपी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी।
राजभर उत्तर प्रदेश में अति पिछड़ों की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं तो ओवैसी ने बिहार चुनाव के बाद हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भी इस बात को साबित किया है कि मुसलिम मतदाता उनके साथ खड़े हैं।
दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस को धूल चटा चुकी आम आदमी पार्टी ने एलान किया है कि वह फरवरी 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को पूरी ताक़त के साथ लड़ेगी।
यह सर्वविदित है कि आरएसएस में ब्राह्मणों का वर्चस्व है जबकि योगी आदित्यनाथ की हिन्दू युवा वाहिनी में ठाकुरों का दबदबा है। हाल की घटनाओं से ऐसा लगता है जैसे संघ और योगी के दरम्यान शह और मात का खेल चल रहा है।
कांग्रेस नेता चिट्ठी सोनिया गाँधी को चिट्ठी लिखने को लेकर चल रहे विवाद के बीच ही पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 2 साल बाद होने वाले चुनाव के लिए 7 पैनल बनाए हैं। इसमें जितिन प्रसाद और राज बब्बर जैसे कई बड़े नाम शामिल नहीं किए गए हैं।