ताज्जुब होता है कि बाबा गोरखनाथ के चेले बंटोगे तो कटोगे जैसा नारा दे रहे हैं। वही गोरखनाथ जिन्होंने हिन्दू-मुस्लिम का भेद नहीं किया था।लेकिन आरएसएस ने योगी के साथ मिलकर हिन्दुत्व की राजनीति में इतना जहर घोल दिया है कि बचे हुए धर्मनिरपेक्ष हिंदुओं को अपनी छवि बचाना मुश्किल हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का ओजस्वी लेख पढ़िएः