विकास के दावे करती रही बीजेपी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 'अब्बा जान, जिन्ना, जालीदार टोपी, पाकिस्तान’ जैसे शब्दों का प्रयोग क्यों कर रही है? यदि इसने काम किया है तो धर्म का इस्तेमाल क्यों?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए सियासी रूप से बेहद उपजाऊ इलाका रहा है। बीते तीन चुनावों में पार्टी को यहां शानदार जीत मिली थी लेकिन एक साल तक चले किसान आंदोलन और सपा रालोद गठबंधन के चलते इस बार उसके सामने चुनौतियां ज्यादा हैं।
बीजेपी लगातार दूसरे दलों को वंशवादी और परिवारवादी बताती है लेकिन उसे अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि नेता अपने बच्चों को टिकट दिलाने के लिए कितना दबाव पार्टी पर बना रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी छोड़कर सपा में जाने के बाद यह सवाल उठा था कि क्या संघमित्रा भी बीजेपी से इस्तीफा देकर सपा में जाएंगी। संघमित्रा ने इसका भी जवाब दिया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी विधायक चर्चा में हैं, लेकिन कानपुर के बीजेपी विधायक दूसरी वजह से चर्चा में हैं। जानिए क्यों वायरल हो रहा है उनका वीडियो।
बीजेपी 1 से 2 दिन में उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची जारी कर सकती है। केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से जबकि उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा लखनऊ की किसी एक सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
योगी सरकार में मंत्री धर्म सिंह सैनी ने इस्तीफ़ा दे दिया है। यह तीन दिन में तीसरे मंत्री का इस्तीफा है। इससे पहले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान इस्तीफा दे चुके हैं।
बीजेपी को ऐसी उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने पर वह हिंदू मतों का कुछ और हिस्सा अपने पाले में खींच सकती है और इससे डैमेज कंट्रोल हो सकता है।
बीजेपी के एक और विधायक विनय शाक्य को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। वो भी सपा में जा रहे हैं। लेकिन उनके घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। जानिए पूरी कहानी।