बेरोजगारी फिर सर उठा रही है। सीएमआइई के अनुसार अगस्त में फिर उन्नीस लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं। हालांकि जुलाई में डेढ़ करोड़ रोजगार बढ़े थे लेकिन फिऱ भी आंकड़े चिंताजनक हैं। क्योंकि खेती और उद्योग दोनों में ही रोजगार कम हुआ है। सीएमआईई के एमडी और सीईओ महेश व्यास से आलोक जोशी की खास बातचीत। |Economy | Employment | CMIE | Mahesh Vyas | Alok Joshi |
कोविड-19 महामारी के बाद की कमज़ोरी दूर होने का नाम ही नहीं ले रही। शरीर पर असर हो, हमारे काम धंधों पर असर हो या देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर। सबसे बड़ा संकट तो रोज़गार के बाज़ार में दिख रहा है।
बेरोज़गारी के आँकड़े चरम पर पहुँच गए हैं, लेकिन मोदी सरकार के कानों में जूँ तक नहीं रेंग रही, आख़िर क्यों?हरवीर सिंह, जयशंकर, अशोक वानखेड़े, हरजिंदर, विजय त्रिवेदी
सरकार के दावों पर और अख़बारों के पहले पन्नों पर यक़ीन करें तो कोरोना की दूसरी लहर भी अब ख़त्म होने को है। सवाल पूछा जाने लगा है कि बाज़ार कब खुलेंगे, कितने खुलेंगे? हम कब बाहर निकल कर खुले में घूम पाएँगे?
2014 के मुक़ाबले 2021 में आज भारत कहाँ खड़ा है, आम भारतीय किस स्थिति में हैं? मोदी सरकार के 7 साल के शासनकाल में जहाँ जीडीपी की विकास दर घटती चली गयी, वहीं देशवासियों पर कर्ज बढ़ता चला गया।
सुप्रीम कोर्ट जाकर अपने लिए खास परमिशन ले आए कि लॉकडाउन न लगाना पड़े। लेकिन हारकर आख़िरकार उन्हें भी लॉकडाउन ही आख़िरी रास्ता दिखता है, कोरोना के बढ़ते कहर को थामने का। महाराष्ट्र ने कड़ाई बरती तो फायदा भी दिख रहा है।
पिछले साल आई कोरोना महामारी ने लोगों की जानें ही नहीं लीं, ग़रीबों को और ग़रीब ही नहीं किया, बल्कि बड़े स्तर पर मध्य वर्ग को भी प्रभावित किया है। प्यू रिसर्च के अनुसार महामारी ने भारत में 3 करोड़ 20 लाख लोगों को मध्य वर्ग से दूर कर दिया।
क्या मोदी सरकार हर मोहरे पर फेल साबित हो रही है? महीनों भर से जहाँ किसान आंदोलन जारी है तो अब युवा नौकरी नहीं मिलने से परेशान हैं. वो हफ्ते भर से सोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर पीएम मोदी से रोज़गार माँग रहे हैं.आज इसी मुद्दे पर बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी। Satya Hindi
सवाल है कि सरकार ने रोज़गार के मौके बनाने के मामले में क्या किया है, वह कितनी कामयाब रही है और कितनी नाकाम। प्रधानमंत्री और बीजेपी भले ही वायदा पूरा न कर सके हों, पर क्या उन्होंने इसकी कोई ईमानदार कोशिश भी की या यह एक और ज़ुमला था?
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने ट्रेंड कराया ‘मोदी जॉब दो’ । नवदीप कौर केस में सह आरोपी शिव को दो फ्रैक्चर हैं: रिपोर्ट
अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के संकेत लेकिन क्यों नहीं बढ़ेगा रोज़गार? सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को दी हरी झंडी। मध्यप्रदेश में झड़प के एक दिन बाद ही घर क्यों ढहाए गए? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण। Satya Hindi
बेरोज़गारी के जो नये आँकडे आये हैं वो और भी बड़े संकट की ओर इशारा कर रहे हैं। लॉकडाउन ख़त्म होने और अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के शुरुआती संकेत मिलने के बावजूद दिसंबर में बेरोज़गारी की दर पिछले छह महीनों में सबसे ऊपर दर्ज की गई।