शिवसेना जहां हिंदुत्व की राजनीति करने के लिए जानी जाती है वहीं प्रकाश आंबेडकर सेक्युलर राजनीति करते हैं। अगर महा विकास आघाडी के मौजूदा ढांचे को बरकरार रखते हुए इसमें वंचित बहुजन आघाडी शामिल हो तो निश्चित रूप से यह गठबंधन बीजेपी-एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए चुनौती बन सकता है।
शिवाजी महाराज पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान को लेकर क्या राजनीतिक गहमागहमी अब और बढ़ेगी? जानिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार को क्या चेतावनी दी है।
महाराष्ट्र में अब सरकार को किसी मामले की जाँच के लिए राज्य सरकार से पहले सहमति लेने की ज़रूरत नहीं होगी। आख़िर ऐसा क्यों? क्या एकनाथ शिंदे सरकार के फ़ैसले से उद्धव ठाकरे खेमे सहित विपक्ष के लिए मुश्किल होगी?
क्या भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस मजबूत हो रही है? महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के एकजुट होने से क्या बीजेपी-एकनाथ शिंदे की शिवसेना के गठबंधन को जोरदार चुनौती मिलेगी?
मुंबई के अंधेरी विधानसभा उपचुनाव में नया मोड़ आ गया है। पहले राज ठाकरे ने बीजेपी को चिट्ठी लिखी थी और अब शरद पवार ने भी निर्विरोध चुनाव की वक़ालत कर दी? जानिए अब बीजेपी ने क्या किया।
अंधेरी ईस्ट उपचुनाव में क्या बीजेपी उद्धव ठाकरे खेमे के उम्मीदवार के ख़िलाफ़ अपने उम्मीदवार उतारने को तैयार हो सकती है? आख़िर राज ठाकरे बीजेपी से उद्धव खेमे के उम्मीदवार को जिताने का आग्रह क्यों कर रहे हैं?
क्या चुनाव आयोग ने शिंदे गुट की मदद की? क्या उसने उसे ये बता दिया था कि उद्धव ठाकरे ने कौन से चुनाव चिन्ह माँगे हैं? क्या चुनाव आयोग से मिली जानकारी के आधार पर ही शिंदे ने उद्धव से मिलते-जुलते चुनाव चिन्ह माँगे? क्या पार्टी के नाम के बारे में भी चुनाव आयोग ने इसी तरह पक्षपात किया?
शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग की रोक के बाद पार्टी के मुखपत्र सामना ने एक संपादकीय छापा है। जानिए इसने इसमें शिंदे को लेकर क्या-क्या लिखा। पढ़िए, सामना का पूरा संपादकीय-
उद्धव ठाकरे ने चुनाव चिह्न और पार्टी के नाम पर रोक लगने के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे पर पहली बार तीखा हमला बोला है। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी शिंदे का इस्तेमाल सिर्फ शिवसेना को खत्म करने के लिए कर रही है। लेकिन यही बीजेपी एक दिन शिंदे को निकाल बाहर फेंकेगी।
शिवसेना में दोनों खेमों के बीच संघर्ष के बीच उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे खेमे ने पार्टी के नये नाम और चुनाव चिह्न तय कर लिया है। जानिए, इसने चुनाव चिह्न के लिए क्या पसंद किया है।
चुनाव आयोग के एक फ़ैसले से किस खेमे को तगड़ा झटका लगा है? जानिए, चुनाव आयोग के फ़ैसले का शिंदे खेमे ने स्वागत क्यों किया और उद्धव खेमे ने नाराज़गी क्यों जताई।