महाराष्ट्र में 2019 में जब बीजेपी और शिवसेना की सरकार नहीं बनी तो तीन दिन के लिए एक सरकार बनी थी, जिसमें सीएम देवेंद्र फडणवीस बने और एनसीपी के अजीत पवार डिप्टी सीएम। तीन साल बाद उस राजनीतिक घटनाक्रम पर दो नेताओं में बयानबाजी हो रही है।
क्या प्रधानमंत्री मोदी के इस मुक़ाम तक पहुँचने के पीछे बाला साहब ठाकरे का हाथ है? जानिए उद्धव ने आख़िर अटल बिहारी वाजपेयी और 2002 की घटनाओं का ज़िक्र कर यह क्यों कहा।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । महाराष्ट्र: पद छोड़ने को लेकर राज्यपाल कोश्यारी ने पीएम को किया सूचित । महाराष्ट्र में नया समीकरणः उद्धव- प्रकाश आंबेडकर ने किया गठबंधन
महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने पद छोड़ने की इच्छा जताई। जमकर राजनीति करते गवर्नर का मन क्यों बदल गया? वो जाना चाहते हैं या उन्हें जाने को कहा गया? कौन है इसका जिम्मेदार? उद्धव ठाकरे या फिर शिंदे की सरकार? आलोक जोशी के साथ शरत प्रधान, रोहित चंदावरकर, विनय तिवारी, प्रशांत दीक्षित
महाराष्ट्र की राजनीति में सोमवार को बड़ा समीकरण नजर आया। उद्धव ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर ने नए गठबंधन की घोषणा की। उद्धव ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस और एनसीपी भी इस गठबंध में रहेंगे।
महाराष्ट्र में आज सोमवार को बाला साहेब ठाकरे जयंती मनाई जा रही है। मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट शक्ति प्रदर्शन में जुटे हुए हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में आज नया समीकरण बन सकता है। उद्धव ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर अपने गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं। आज ही बाला साहब ठाकरे की जयंती भी मनाई जा रही है।
महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट के विधायक बीजेपी में जा सकते हैं। यह बात संजय राउत ने कही। उन्होंने इसकी वजह भी बताई है। दूसरी तरफ शिंदे गुट के एक विधायक दो दिन पहले ऐसा ही कुछ बोल रहे थे। विधानसभा सत्र में भी मंत्रियों और विधायकों में तनातनी दिखी। दिलचस्प होता जा रहा है महाराष्ट्र का घटनाक्रमः
एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के विधायकों के बीच जंग जारी है और अब शिंदे गुट के विधायकों का कहना है कि असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की शिवसेना है और इसलिए ही हमने अपनी पार्टी के दफ्तर में ताला लगाया है।
उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ अब आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रारंभिक जाँच शुरू क्यों की गई है? जानिए, उद्धव गुट ने क्यों आरोप लगाया कि यह बदले की कार्रवाई है।
महाराष्ट्र में राजनीति नई करवट ले रही है । उद्धव छाकरे और प्रकाश आंबेडकर के बीच गठबंधन क्या महाराष्ट्र में नया गुल खिलायेगी ? क्या महाराष्ट्र में दलित वोटों का नये सिरे से ध्रुवीकरण होगा ? या फिर एक बुलबुला है जिसका कोई असर नहीं होगा ?