शिवसेना के एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने आख़िर ताबड़तोड़ फ़ैसले कैसे लिए? जानिए, ये ताबड़तोड़ फ़ैसले लेने वाले मंत्री कौन हैं।
महाराष्ट्र में सत्ता का संघर्ष अब सड़क पर उतरने जा रहा है .विधायकों को लेकर असम के पांच सितारा होटल में रुके शिंदे क्या सड़क की लड़ाई जीत पाएंगे ?आज की जनादेश चर्चा .
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। उद्धव : एकनाथ के लिए सब कुछ किया, अपना विभाग तक दिया था । मेरी फोटो लगाए बगैर अपने इलाके में घूमकर देखें बागी विधायक: उद्धव ।
एकनाथ शिंदे ने हौसला तो दिखा दिया लेकिन अब क्या होगा? उनके पास विधायक हैं तो फिर देर किस बात की? शिवसेना कभी नर्म कभी गर्म क्यों? बीजेपी शिंदे का साथ कहां तक देगी? कहीं ऐसा तो नहीं कि यह बगावत राजनीतिक शहादत में बदल जाए? आलोक जोशी के साथ संदीप सोनवलकर, विनोद अग्निहोत्री, विनोद यादव और सोमदत्त शर्मा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर की संपत्ति और जमीन कुर्क की। अर्जुन खोतकर सीएम उद्धव ठाकरे के खास लोगों में हैं।
क्या अब बागियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का उद्धव ठाकरे की टीम ने मन बना लिया है? जानिए, अब बागी विधायकों के ख़िलाफ़ किस तरह की कार्रवाई करने की तैयारी है।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट के मद्देनज़र सरकार की सहयोगी पार्टी एनसीपी की बैठक में आज क्या फ़ैसला लिया गया? जानिए एनसीपी नेता अजित पवार ने क्या कहा।
उद्धव ठाकरे के वफादार संजय राउत ने एकनाथ शिंदे खेमे को किस आधार पर चुनौती दी है कि वे सदन में बहुमत साबित कर दिखाएँ? जानिए उन्होंने क्यों कहा कि बागी बीजेपी में शामिल क्यों नहीं हो जाते।
शिवसेना के बाग़ी गुट का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे जहाँ कह रहे हैं कि उद्धव ठाकरे सरकार को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए वहीं उद्धव के नज़दीकी संजय राउत का कहना है कि वे बहुमत साबित करेंगे। नंबर गेम में आख़िर मौजूदा स्थिति क्या है?
शिवसेना सुप्रीमो उद्धव के पास अब सिर्फ 13 विधायक ही बचे हैं। उद्धव ने गुरुवार को जो बैठक बुलाई थी, उसमें सिर्फ 13 विधायक पहुंचे। इंडिया टुडे ने गुवाहाटी से एक फोटो ट्वीट किया, जिसमें शिंदे ने अपने साथ 42 विधायक होने का दावा किया है।
शिवसेना के संकट पर उसके मुखपत्र सामना ने तीखा संपादकीय लिखा है। सामना में कहा गया है कि बीजेपी इस खेल की मास्टरमाइंड है। जनता शिवसेना विद्रोहियों को चुनाव जब होंगे तो भूतपूर्व कर देगी।
क्या अब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार को लेकर आधिकारिक घोषणा ही बाकी है? आख़िर उद्धव द्वारा मुख्यमंत्री पद छोड़ने का इशारा करने के कुछ घंटे बाद ही वह सीएम आवास क्यों खाली कर रहे हैं।