बंगाल BJP में भगदड़, गंगाजल छिड़क कर 300 बीजेपी कार्यकर्ताओं की ‘घरवापसी’। बंगाल में बीजेपी से टीएमसी में आने की होड़ लगी हुई है जिससे सवाल उठका है कि क्या बंगाल में बीजेपी को पीएम मोदी बचा पाएंगे। देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट -
हिन्दी फ़िल्मों के सुपर स्टार रह चुके मिथुन चक्रवर्ती की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कोलकाता पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने के आरोपों में इस पूर्व सांसद से पूछताछ की है।
Satya Hindi News Bulletin।सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। बंगाल: TMC में वापसी के लिए बीजेपी नेताओं का धरना, 50 को लिया वापस। ‘आप’ ने राम मंदिर ज़मीन के कथित घोटाले में बीजेपी के मेयर को घेरा । देखिए सुबह तक की ख़बरें-
बीजेपी नेता मुकुल राय के तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी में लौटने के एक दिन बाद ही अब बीजेपी नेता राजीब बनर्जी टीएमसी नेता से मिले हैं। पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले ही वह बीजेपी में शामिल हुए थे।
क्या तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल से बाहर निकल कर दूसरे राज्यों और केंद्रीय स्तर पर राजनीति करना चाहती है? क्या वह ममता बनर्जी को केंद्रीय राजनीति में लाकर नरेंद्र मोदी कौ चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रही है?
बंगाल बीजेपी में भगदड़, मुकुल रॉय समेत 33 के टीएमसी में लौटने की अटकलें। जस्टिस अरुण मिश्रा के NHRC के चेयरमैन बनाए जाने पर बवाल, मानवाधिकार संगठनों ने की निंदा। देखिए दिनभर की बड़ी ख़बरों का विश्लेषण-
बीजेपी की बंगाल में हार । अब कई विधायक/नेता बीजेपी छोड़ने की फ़िराक़ में ।मोदी का मुकुल राय को फ़ोन । क्या ममता मोदी को चित करेंगी ? आशुतोष के साथ चर्चा में गौतम लाहिड़ी, नीरेंद्र नागर, प्रभाकर तिवारी, सतीश के सिंह और आलोक जोशी ।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व MLA ने कहा- दीदी आपके बिना नहीं जी पाऊंगी। पंजाब : पार्टी बदलने की बात पर बोले सिद्धू- साबित करो। देखिए दिनभर की बड़ी खबरें -
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आख़िरी तीन चरण ख़ासकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उसकी प्रमुख ममता बनर्जी के लिये बेहद अहम हैं। इस दौर में चार मुसलिम बहुल इलाक़ों की सीटें ममता की सत्ता में वापसी में सबसे निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।
पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में बीते क़रीब तीन दशकों से हर चुनाव में सबसे अहम मुद्दा रहा गोरखालैंड अबकी विधानसभा चुनाव में परिदृश्य से ग़ायब है।
कूचबिहार में 10 अप्रैल को एक मतदान केंद्र पर भीड़ का सीआईएसएफ़ पर हमला चिंता का सबब क्यों नहीं बना? सरकार की कामयाबी या नाकामी क्या इससे तय होगा कि सरकार किसकी है?