यूपी में किसकी हवा है कौन से मुद्दे चल रहे हैं? ऐसा क्यों है कि बीजेपी को कोई 40 सीटें दे रहा है तो कोई 70? आख़िर यूपी की नब्ज़ कोई क्यों नहीं पकड़ पा रहा है? देखिए विशेषज्ञों का आकलन-
सत्य नायक उड़ीसा के ख्यातिलब्ध पत्रकार हैं । इस राज्य में बीजेपी को इस बार पहले से बेहतर नतीजों की उम्मीद है । यहाँ तक कि वह राज्य सरकार पर भी क़ाबिज़ होने की दावेदार है क्योंकि विधानसभा चुनाव साथ साथ हो रहे हैं
चुनाव में कोई लहर क्यों नहीं दिख रही? क्या कोई अंडर करंट है जिसे कोई पढ़ नहीं पा रहा? अगर ये बिना लहर का चुनाव हुआ तो क्या होगा? किसको नुक़सान और किसको फ़ायदा होगा?
बीजेपी हाईकमान बेशक़ इनकार कर रहा है मगर उसके उम्मीदवार क्यों बार-बार बता रहे हैं कि मोदी को 400 सीटें क्यों चाहिए? क्या विशाल बहुमत हासिल करने के पीछे वही एजेंडा है जो बीजेपी नेता बता रहे हैं?
राहुल गाँधी और नरेंद्र मोदी को पसंद करने वालों की तादाद में इतना फ़र्क कैसे आ गया? दोनों की गारंटियों पर भरोसा करने वालों की संख्या में इतना कम अंतर क्यों है? कौन हैं जो राहुल या मोदी की गारंटी पर भरोसा कर रहे हैं?
ताज़ा सर्वे के नतीजे क्या कहते हैं? वे बीजेपी के लिए क्यों ख़तरे की घंटी हैं? अगर सर्वे के नतीजों के हिसाब से मतदान हुआ तो क्या होगा? क्या मोदी-शाह के पास इस स्थिति से निपटने के लिए कोई रणनीति है?
हाईकोर्ट से मिले ज़बर्दस्त झटके के बाद केजरीवाल और उनकी सरकार का क्या होगा? क्या मोदी सरकार अब ज़्यादा जोश से उन पर आक्रमण करेगी, उनकी सरकार बर्ख़ास्त करेगी?
क्या काँग्रेस की चुनावी रणनीति में कोई बड़ी खोट है, कमी है? कहीं इस रणनीति से उसे और इंडिया गठबंधन को नुक़सान उठाना पड़ सकता है? क्या राहुल गाँधी या मल्लिकार्जुन खड़गे इसे दुरुस्त करने के लिए तुरंत क़दम उठा सकते हैं?
क्या काँग्रेस का घोषणापत्र चुनाव में कोई नरैटिव बना सकेगा? क्या उससे पार्टी और कार्यकर्ताओं पाँच न्याय और पचीस गारंटियों को मतदाताओं तक ले जा पाएंगे? वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा से डॉ. मुकेश कुमार की बातचीत-
राहुल ने ऐसा क्या कह दिया कि प्रधानमंत्री मोदी इस कदर बौखला गए? उन्होंने क्यों कहा कि काँग्रेस को चुन-चुनकर साफ़ करो? क्या राहुल का तीर निशाने पर लगा है?
क्या संजय सिंह की जमानत ने केजरीवाल के लिए भी रास्ता खोल दिया है? क्या शराब घोटाले में फँसे दूसरे आप नेता भी छूट सकते हैं? क्या ED आतिशी मर्लेना, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और राघव चड्ढा को भी गिरफ़्तार कर सकती है?
क्या चुनाव आयोग आम चुनाव में की जा रही मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए क़दम उठाएगा क्या वह सरकार से कहेगा कि चुनाव तक एजंसियाँ कोई कार्रवाई नहीं करेंगी इंडिया गठबंधन की पांच सूत्रीय मांगों पर उसका रुख़ क्या होगा?