प्रधानमंत्री ने लाल क़िले से अपने भाषण में मौजूदा सिविल कोड को सांप्रदायिक क्यों कहा? क्या ये बाबा साहब अंबेडकर और संविधान निर्माताओं का अपमान नहीं है? क्या उन्हें देश से माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए?
मोदी तिरंगे को लेकर इतनी अपील क्यों कर रहे हैं? बीजेपी तिरंगे को लेकर इस कदर उत्साहित क्यों है? क्या हिंदुत्व को तिरंगे से प्रेम हो गया है? हिंदुत्ववादियों की तिरंगे के बारे में क्या राय रही है?
आख़िर वे कौन से सवाल हैं जिनके जवाब मोदी सरकार नहीं देना चाहती? हिंडेनबर्ग के भँडाफोड़ से बचने के लिए कांग्रेस पर हमला करने की उसकी रणनीति कितना काम करेगी? क्या ED द्वारा राहुल गाँधी से पूछताछ से लोगों का ध्यान बँटेगा?
क्या तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी ने मोदी सरकार के साथ खेल कर दिया? क्या टीडीपी के बदले रुख़ ने उसे वक्फ़ विधेयक को संसदीय समिति भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा? क्या
शेख़ हसीना से क्या चूक हुई क्या वे स्थिति को संभाल सकती थीं? क्या अब कट्टरपंथियों की सत्ता में वापसी हो सकती है? फौज खुद सत्ता की बागडोर में हाथ लेगी या चुनाव करवाएगी?
उद्धव ठाकरे अमित शाह पर इस उग्रता के साथ हमले क्यों कर रहे हैं? उन्हें अहमद शाह अब्दाली का वंशज क्यों बता रहे हैं? उन्होंने फड़नवीस को खटमल क्यों कहा, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के हिंदुत्व पर सवाल क्यों उठाए? क्या अमित शाह इसका जवाब देंगे और देंगे तो किस तरह से?
अखिलेश यादव ने एक ब्राम्हण को नेता प्रतिपक्ष बनाकर क्या खेल किया है? मायावती क्यों उनके इस क़दम से आग़बबूला हो रही हैं? क्या इससे योगी की कुर्सी ख़तरे में पड़ सकती है?
किसान मोदी सरकार के बजट से ख़फ़ा क्यों हैं? वे बजट की प्रतियाँ जलाने का ऐलान क्यों कर रहे हैं? उनकी कौन सी मांगों की उपेक्षा की गई है? क्या सरकार सचमुच में खेती कार्पोरेट के हवाले करने जा रही है?
योगी सरकार के फ़रमान पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम रोक लगाना कितना बड़ा झटका है? क्या ये उन राज्यों के लिए भी कड़ा संदेश नहीं है जो योगी की राह पर चलने लगे थे या चलने की तैयारी कर रहे थे?
योगी ने काँवडियों के नाम पर सांप्रदायिक कॉर्ड खेलकर क्या मोदी सरकार को फँसा दिया है? सहयोगी दलो का विरोध क्या सरकार को अस्थिर कर सकता है? सरकार को बचाने के लिए क्या मोदी योगी की बलि ले सकते हैं?
क्या यूपी की पुलिस मुसलमानों और दलितों के बहिष्कार का माहौल बना रही है? उसने किसके इशारे पर हिटलरी फ़रमान जारी किया? क्या अदालत को खुद-ब-खुद संज्ञान लेकर ऐसे पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई नहीं करनी चाहिए?
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का ये आरोप कितना सही है कि राहुल गाँधी मोदी के ख़िलाफ़ हिंसा भड़का रहे हैं? क्या मोदी और बीजेपी नेताओं के बयान कहीं ज़्यादा भड़काऊ नहीं हैं? प्रो. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- प्रो. अपूर्वानंद, प्रो. आनंद कुमार और राहुल देव-
क्या प्रधानमंत्री मोदी राहुल गाँधी के हमलों का ठीक से जवाब दे पाए? लोकसभा में उनका ढाई घंटे का भाषण फ़ीका क्यों रहा? राहुल पर हमले के लिए उन्होंने बालक-बुद्धि जैसे हल्के जुमलों का इस्तेमाल क्यों किया?
क्या राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने इमर्जेंसी का ज़िक्र करके सही किया? क्या सरकार के रुख़ में कोई बदलाव नज़र आया है? राहुल गाँधी के नेता प्रतिपक्ष बनने से क्या फ़र्क़ पड़ेगा? मोदी सरकार कितनी टिकाऊ है? वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा से डॉ. मुकेश कुमार की बातचीत-