सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ के फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका ठुकराते हुए एक ऐसे फ़ैसले को सही ठहरा दिया है जो ढेर सारे प्रश्नों को जन्म देता है। इससे लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन का अधिकार बाधित हो सकता है और सरकारों को आंदोलन कुचलने का नया हौसला मिल सकता है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
क्रिकेट खिलाड़ी वसीम जाफ़र ने अपने ऊपर लगाए गए तमाम आरोप के जवाब दे दिए हैं और ऐसा लगता है कि उत्तराखंड क्रिकेट संघ के अधिकारी अब पीछे हटने लगे हैं। लेकिन उन्होंने ऐसा किया क्यों और क्या इस खेल में भगवा राजनीति की भी कोई भूमिका है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
सरकार ने ट्विटर को 1178 भारतीयों के खाते बंद करने के आदेश दिए थे मगर ट्विटर ने उसका पूरी तरह से उसका पालन नहीं किया। इससे सरकार नाराज़ है और अब उसने भारतीय विकल्प कू को अपना लिया है। क्या होगा? इसका अंजाम वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने कई आपत्तिजनक बातें कही हैं। इससे न केवल उनको बल्कि उनकी पार्टी को भी नुक़सान उठाना पड़ेगा? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
किसान आंदोलन के साथ ज़्यादतियों की ख़बरें विश्व भर में फैल चुकी हैं। इससे मोदी और देश दोनों की छवि खराब हुई है। मगर क्या मोदी सरकार अब भी आँखें मूँदे रहेगी? क्या अभी भी वह प्रोपेगंडा और सेलेब्रिटियों के बल पर अपनी कारगुज़ारियाँ छिपाने की सोचती रहेगी? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
वर्ष 2020 अब कुछ घंटों का ही मेहमान है। लेकिन ये वर्ष इतिहास के सबसे यादगार वर्षों के रूप में दर्ज़ किया जाएगा। इस वर्ष की प्रमुख घटनाओं के बारे में बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार-
तमाम विपक्षी दल काँग्रेस नेतृत्व से निराश होते जा रहे हैं। वे चाहते हैं कि मोदी-शाह की तानाशाही के ख़िलाफ़ उनका नेतृत्व करें, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है। क्या इसीलिए शिवसेना शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाना चाहती है?
प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर बीजेपी बंगाल में दहाई का आँकड़ा भी पार कर ले तो वे अपना काम छोड़ देंगे। उनकी इस चुनौती का क्या मतलब है? क्या और टूट-फूट को रोकने के लिए उन्होंने ऐसा बयान दिया है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक अनैतिक कर्म को ही उजागर नहीं करता, बल्कि ये भी बताता है कि सत्ता के लिए वे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक तरीक़े आज़माने में विश्वास रखते हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
अमेरिकी अख़बार वाल स्ट्रीट जनरल ने एक बार फिर से फेसबुक की पोल खोल दी है। इस बार अपने आंतरिक आकलन में बजरंगियों को ख़तरनाक़ मानने के बावजूद फेसबुक द्वारा कार्रवाई न करने पर उँगली उठाई है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
रूस को लग रहा है कि अमेरिका रूस और चीन को अलग-थलग करके अपना वर्चस्व कायम करने के इरादे से भारत को मोहरा बना रहा है। क्या इसमें कुछ सचाई है और अगर है तो भारत और रूस के संबंधों पर इसका क्या असर पड़ सकता है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी की यूपी में फिल्मसिटी बनाने की घोषणा के बाद से महाराष्ट्र सरकार के साथ उनकी नोंक-झोंक शुरू हो गई है। ऐसे में क्या ये नहीं लगता कि योगी की योजना राजनीतिक एजेंडे के तहत आगे बढ़ाई जा रही है? एक सवाल ये भी है कि क्या सचमुच में फिल्मसिटी बन भी पाएगी? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
केंद्रीय कानून मंत्री को ऐतराज़ है कि न्यायपालिका के रवैये को न्यायिक बर्बरता क्यों कहा जा रहा है। सवाल उठता है कि अगर न्याय व्यवस्था मानवीय मानदंडों को भूलकर फ़ैसले सुनाने लगे तो उसे बर्बरता क्यों नहीं माना जाना चाहिए? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने पाँच सीटें क्या जीतीं, वे तमाम दलों के निशाने पर आ गए। अभी तक उन्हें बीजेपी का एजेंट भर कहा जाता था, मगर अब वे जिन्ना से लेकर गली के गुंडे तक जाने क्या-क्या कहे जाने लगे हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
हालाँकि लव जिहाद के सबसे बड़े झंडाबरदार योगी आदित्यनाथ रहे हैं, मगर अब दूसरे बीजेपी शासित राज्य भी इस मुद्दे को ज़ोर-शोर से उठा रहे हैं। उन्होंने इसे रोकने के लिए कानून बनाने की भी घोषणा कर दी है। पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।