मोदी सरकार के हमले तेज़, ख़तरें में सरकार? क्या करेंगे उद्धव और शरद पवार? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े, सतीश के सिंह, संदीप सोनवलकर, रवि आंबेकर, आलोक जोशी
स्टेन स्वामी को न अदालतें बचा सकीं, न संविधान और न ही इस देश के लोग। क्या ये हम सबके लिए ये शर्म की बात नहीं है? क्या ये सिलसिला कहीं रुकेगा या फिर और तेज़ होगा? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं-मेधा पाटकर, अपूर्वानंद, कविता कृष्णन और दिनेश गुप्ता
शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर बीजेपी की तरफ से हमले क्यों हो रहे हैं? क्या वह किसानों को धमकाना चाहती है या फिर उन्हें हिंसा के लिए उकसा रही है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं-बालकरन ब्रार, अनिल त्यागी, पुष्पेंद्र सिंह, अनिला सिंह और शरद गुप्ता
मध्यप्रदेश में वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड बनाने के लिए फर्ज़ीवाड़ा किसके इशारे पर? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं-एन के सिंह, अशोक वानखेड़े राकेश पाठक, सचिन जैन
क़रीब साढ़े तीन घंटे की बैठक का नतीजा क्या रहा क्या? मोदी सरकार मौजूदा गतिरोध को तोड़ पाने की दिशा में आगे बढ़ पाए? बैठक में हिस्सा लेने वाले 14 नेता बातचीत से कितना संतुष्ट हैं? और क्या उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली कश्मीर समस्या का समाधान निकालने को लेकर गंभीर है?
काँग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की बग़ावत अब अनुशासन की हदें पार करती जा रही है। वे अमरिंदर पर लगातार हमले कर रहे हैं, उन्हें झूठा बता रहे हैं। सवाल उठता है कि ठीक चुनाव के पहले काँग्रेस इस सबको बर्दाश्त क्यों कर रही है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
प्रशांत किशोर का कहना है कि तीसरा-चौथा मोर्चा का फॉर्मूला पुराना पड़ चुका है तो फिर नया फॉर्मूला क्या होगा? कैसे बनेगा बीजेपी के विरोध में विपक्षी दलों का मोर्चा?
संघ और बीजेपी के सर्वोच्च नेताओं की लगातार बैठकों के बाद ये दावा किया गया था कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व को लेकर उठा विवाद सुलझा लिया गया है। लेकिन पार्टी नेताओं के परस्पर विरोधी बयान बताते हैं कि झगड़ा जारी है और सब कुछ ठीक नहीं है।
नीतीश ने चिराग पासवान से विधानसभा चुनाव का बदला ले लिया है। उनको उन्हीं के चाचा पशुपति पारस ने हाशिए में ढकेल दिया है। सवाल ये है कि क्या चिराग का राजनीतिक करियर अंधकार में खो जाएगा या मोदी-शाह उन्हें रौशनी देंगे?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वसरमा ने मुसलमानों को ही परिवार नियोजन की सलाह क्यों दी? क्या ये इस्लामोफ़ोबिया के ज़रिए सांप्रदायिकता फैलाने के उनके अभियान का हिस्सा है?
पिछले एक महीने से दिल्ली-लखनऊ में जंग छिड़ी हुई थी। लगता है कि संघ के बीच-बचाव से युद्ध विराम हो गया है। मगर सवाल ये है कि इस जंग में कौन जीता और ये युद्ध विराम किन शर्तों पर हुआ है?
मोदी ममता की सरकार को कमज़ोर करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, मगर ममता उनकी पार्टी को तोड़ने में लगी हैं। मुकुल रॉय और राजीब बैनर्जी जैसे बड़े नेता पार्टी छोड़ने के संकेत दे रहे हैं। ऐसे में वे बीजेपी को कैसे बचाएंगे?
अरसे बाद पहली बार टीका नीति पर सुप्रीम कोर्ट तनकर खड़ा हुआ है और उसने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन क्या वह बड़े टकराव के लिए तैयार है?
प्रधानमंत्री द्वारा टीका मुफ़्त किए जाने के फ़ैसले का श्रेय सुप्रीम कोर्ट को दिया जा रहा है। मगर क्या ये माना जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट बदल गया है और उसकी विश्वसनीयता बहाल हो रही है?