काबुल में भयानक विस्फोट करके इस्लामिक स्टेट ने अमेरिका और तालिबान दोनों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है? अमेरिका इस चुनौती से कैसे निपटेगा और क्या आईएस तालिबान का खेल बिगाड़ पाएगा? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-आदम पाल, क़ुरबान अली, फिरोज़ मीठीबोरवाला, शीबा असलम फ़हमी
अफग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े से पाकिस्तान खुश है मगर वह उसके लिए समस्या भी बन सकता है? अफग़ान शरणार्थियों की बाढ़ को वह कैसे रोकेगा? क्या वह तालिबान के कट्टरवाद से खुद को बचा पाएगा?
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार मुज़फ्फरनगर दंगों के आरोपियों को क्यों मुक्त करना चाहती है? इसका दंगा पीड़ितों में क्या संदेश जाएगा? क्या वह चुनावी लाभ के लिए ऐसा करने जा रही है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- शरत् प्रधान, शीतल पी. सिंह, शीबा असलम फ़हमी, सिद्धार्थ कलहंस और ड़ॉ. रविकांत-
क्या जाति जनगणना के सवाल पर मोदी घिर गए हैं? पिछड़ी जातियों के नेताओं द्वारा दबाव बनाने के बाद क्या जाति जनगणना करवाने के लिए वे मजबूर हो जाएँगे? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-श्रवण गर्ग, उर्मिलेश, विनोद अग्निहोत्री, विजय त्रिवेदी और दिलीप मंडल
गडकरी बार-बार मोदी पर निशाना क्यों साध रहे हैं? क्या वे संघ की शह पर ये हिम्मत दिखा रहे हैं? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-अशोक वानखेड़े, विजय त्रिवेदी, संदीप सोनवलकर, शरद गुप्ता और ओँकारेश्वर पांडे-
क्या योगी तालिबान मसले का इस्तेमाल हिंदू-मुसलमान ध्रुवीकरण के लिए कर पाएंगे? क्या इसका फ़ायदा समाजवादी पार्टी को भी मिल सकता है मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-सतीश के सिंह, विनोद अग्निहोत्री, शरद प्रधान, अंबरीश कुमार एवं यूसुफ़ अंसारी
ये मानना कितना सही है कि तालिबान ने अफग़ानिस्तान को आज़ाद करवाया? क्या वे अफग़ानों को दूसरी ग़ुलामी में नहीं ढकेल रहे हैं? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-तीस्ता सीतलवाड़, शीबा असलम फ़हमी, क़ुरबान अली, अनिल त्रिगुणायत
मोदी की लोकप्रियता में भारी गिरावट के क्या मायने हैं? क्या प्रधानमंत्री पद के लिए लोग अब योगी और राहुल की ओर देखने लगे हैं? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- अभय दुबे, संजय कुमार और यशवंत देशमुख-
तालिबान के कब्ज़े से क्या अफगानिस्तान आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना बनेगा? क्या अल क़ायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों को तालिबान से मदद मिलेगी? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- डॉ. वेद प्रताप वैदिक, क़ुरबान अली, फिरोज़ मीठीबोरवाला, सज्जाद अज़हर पीरज़ादा
मोदी विभाजन की याद क्यों दिलाना चाहते हैं? क्या इसके पीछे हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की राजनीति है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- प्रो. राम पुनियानी, गौहर रज़ा, प्रो. अपूर्वानंद, शीतल पी सिंह और नीरेंद्र नागर
ताक़त का इस्तेमाल, महिलाओं से बदसलूकी और निर्धारित समय से पहले सत्रावसान, क्या मोदी सरकार इसी तरह संसद चलाना चाहती है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-एन के सिंह, राजेश बादल, क़ुरबान अली, विजय त्रिवेदी, अनिल त्यागी और प्रिया सहगल-
संविधान संशोधन से ओबीसी आरक्षण पर क्या असर पड़ेगा? क्या कोटा बढ़ेगा? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- विनोद अग्निहोत्री, सतीश के सिंह, शरद गुप्ता, डॉ। अनिल यादव और डॉ लक्ष्मण यादव
क्या विपक्षी दलों ने राहुल को नेता को तैर पर कबूल कर लिया है? क्या वे विपक्ष को एक करने में कामयाब होंगे? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-श्रवण गर्ग, विनोद शर्मा, विनोद अग्निहोत्री और अशोक वानखेड़े
क्या लालू यादव राष्ट्रीय स्तर और बिहार में नई बिसात बिछा रहे हैं? क्या वे नीतीश को अपने साथ लाने में कामयाब होंगे? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- सतीश के सिंह, निवेदिता, अनिल सिन्हा, समी अहमद और ऋषि मिश्रा-
क्या राजनीतिक नुक़सान होने के डर से बीजेपी जाति आधारित जनगणना नहीं करवाना चाहती? ऐसा करने से फ़ायदा किसको होगा? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- विजय त्रिवेदी, दिलीप मंडल, डॉ. रविकांत, डॉ. सतीश प्रकाश -