कैप्टन अमरिंदर और सिद्धू के झगड़े में काँग्रेस का कितना नुक़सान हो चुका है क्या पंजाब चुनाव काँग्रेस के हाथों से निकल गया है अगर ऐसा है तो इसके लिए राहुल-प्रियंका कितने ज़िम्मेदार हैं मुकेश कुमार के साथ बातचीत में शामिल हैं-रेणु मित्तल, राजेश बादल, विजय त्रिवेदी, अनिल त्यागी, हरजेश्वर
किस हाल में है आज किसान आंदोलन? क्या सरकारी दमन से निपटने की कूवत उसमें है? उत्तरप्रदेश के मोर्चे को वह कैसे फ़तह करेगा? इसके लिए वह क्या तैयारी कर रहा है? किसान आंदोलन के मुखर प्रवक्ता और राजनीतिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव से डॉ. मुकेश कुमार की बातचीत-
क्या बीजेपी किसानों के ख़िलाफ़ बर्बर होती जा रही है? अगर नहीं तो हरियाणा में किसानों पर लाठियाँ क्यों बरसाई जा रही हैं और मुख्यमंत्री खट्टर किसानों के सिर फोड़ने की बात करने वाले अफसर का बचाव क्यों कर रहे हैं? क्या अब बीजेपी किसान आंदोलन से इसी तरह निपटेगी? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- हन्नान मुल्ला, एन. के. सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और विनोद अग्निहोत्री-
नीतीश और उनकी पार्टी बीजेपी से दूरी क्यों बढ़ा रहे हैं? क्या नीतीश बीजेपी से अलग होने की तैयारी कर रहे हैं? क्या वे राष्ट्रीय राजनीति में विकल्प तलाशने में जुट गए हैं? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-निवेदिता, सतीश के सिंह, ओंकारेश्वर पांडे, अनिल सिन्हा, रविरंजन
काबुल में भयानक विस्फोट करके इस्लामिक स्टेट ने अमेरिका और तालिबान दोनों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है? अमेरिका इस चुनौती से कैसे निपटेगा और क्या आईएस तालिबान का खेल बिगाड़ पाएगा? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-आदम पाल, क़ुरबान अली, फिरोज़ मीठीबोरवाला, शीबा असलम फ़हमी
अफग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े से पाकिस्तान खुश है मगर वह उसके लिए समस्या भी बन सकता है? अफग़ान शरणार्थियों की बाढ़ को वह कैसे रोकेगा? क्या वह तालिबान के कट्टरवाद से खुद को बचा पाएगा?
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार मुज़फ्फरनगर दंगों के आरोपियों को क्यों मुक्त करना चाहती है? इसका दंगा पीड़ितों में क्या संदेश जाएगा? क्या वह चुनावी लाभ के लिए ऐसा करने जा रही है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- शरत् प्रधान, शीतल पी. सिंह, शीबा असलम फ़हमी, सिद्धार्थ कलहंस और ड़ॉ. रविकांत-
क्या जाति जनगणना के सवाल पर मोदी घिर गए हैं? पिछड़ी जातियों के नेताओं द्वारा दबाव बनाने के बाद क्या जाति जनगणना करवाने के लिए वे मजबूर हो जाएँगे? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-श्रवण गर्ग, उर्मिलेश, विनोद अग्निहोत्री, विजय त्रिवेदी और दिलीप मंडल
गडकरी बार-बार मोदी पर निशाना क्यों साध रहे हैं? क्या वे संघ की शह पर ये हिम्मत दिखा रहे हैं? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-अशोक वानखेड़े, विजय त्रिवेदी, संदीप सोनवलकर, शरद गुप्ता और ओँकारेश्वर पांडे-
क्या योगी तालिबान मसले का इस्तेमाल हिंदू-मुसलमान ध्रुवीकरण के लिए कर पाएंगे? क्या इसका फ़ायदा समाजवादी पार्टी को भी मिल सकता है मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-सतीश के सिंह, विनोद अग्निहोत्री, शरद प्रधान, अंबरीश कुमार एवं यूसुफ़ अंसारी
ये मानना कितना सही है कि तालिबान ने अफग़ानिस्तान को आज़ाद करवाया? क्या वे अफग़ानों को दूसरी ग़ुलामी में नहीं ढकेल रहे हैं? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-तीस्ता सीतलवाड़, शीबा असलम फ़हमी, क़ुरबान अली, अनिल त्रिगुणायत
मोदी की लोकप्रियता में भारी गिरावट के क्या मायने हैं? क्या प्रधानमंत्री पद के लिए लोग अब योगी और राहुल की ओर देखने लगे हैं? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- अभय दुबे, संजय कुमार और यशवंत देशमुख-
तालिबान के कब्ज़े से क्या अफगानिस्तान आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना बनेगा? क्या अल क़ायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों को तालिबान से मदद मिलेगी? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- डॉ. वेद प्रताप वैदिक, क़ुरबान अली, फिरोज़ मीठीबोरवाला, सज्जाद अज़हर पीरज़ादा
मोदी विभाजन की याद क्यों दिलाना चाहते हैं? क्या इसके पीछे हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की राजनीति है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- प्रो. राम पुनियानी, गौहर रज़ा, प्रो. अपूर्वानंद, शीतल पी सिंह और नीरेंद्र नागर
ताक़त का इस्तेमाल, महिलाओं से बदसलूकी और निर्धारित समय से पहले सत्रावसान, क्या मोदी सरकार इसी तरह संसद चलाना चाहती है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-एन के सिंह, राजेश बादल, क़ुरबान अली, विजय त्रिवेदी, अनिल त्यागी और प्रिया सहगल-