गुजरात में मुख्यमंत्री पद के लिए मोदी और केजरीवाल दोनों की लोकप्रियता बराबर कैसे और क्यों है? पिछले कुछ महीनों में ही केजरीवाल ने इतनी लंबी छलाँग कैसे लगाई?
मोरबी में पुल के टूटने से मौतों पर दुखी होना स्वाभाविक है मगर प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल में इसी तरह का हादसा होने पर भावुक क्यों नहीं हुए? उन्होंने बंगाल के हादसे को फ्रॉड क्यों बताया? क्या उनके लिए चुनाव ही सर्वोपरि हैं इसलिए वे बंगाल में एक प्रतिक्रिया देते हैं और गुजरात में दूसरी? क्या इससे उनका सत्ता-प्रेम और दोहरापन फिर से उजागर नहीं हो गया है?
सांप्रदायिक प्रोग्राम के लिए न्यूज़18 पर पचास हज़ार का जुर्माना क्या काफ़ी है? क्या सांप्रदायिक ऐंकरिंग करने वाले अमन चोपड़ा को कड़ा दंड नहीं मिलना चाहिए? आख़िर अमन चोपड़ा जैसे ऐंकरों को चैनल रखते क्यों हैं? बार-बार ज़हर फैलाने की हरकतों के बावजूद उन्हें बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाते?
कांग्रेस गुजरात में चुनाव लड़ती क्यों नहीं दिख रही? गांधी परिवार के किसी सदस्य ने अभी तक एक भी सभा क्यों नहीं की? शीर्ष नेतृत्व ने गुजरात चुनाव को अनाथ क्यों छोड़ दिया है? क्या खड़गे भी यही रवैया अपनाएंगे या फिर चुनाव अभियान को गति देंगे? क्या काँग्रेस की रणनीति अब बदलेगी?
ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की घोषणा पर जश्न कौन लोग मना रहे हैं? इस जश्न के पीछे एजेंडा क्या है, राजनीति क्या है? क्या सुनक के भारतवंशी होने के बजाय हिंदू होने को सेलिब्रेट किया जा रहा है? वे लोग इस प्रश्न पर क्यों बौखलाए हुए हैं कि क्या भारत में कभी मुस्लिम प्रधानमंत्री बन सकता है?
मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने से काँग्रेस पर क्या फ़र्क पड़ेगा? क्या अब वह बीजेपी से लड़ने के लिए तैयार हो गई है? क्या अब वह ज़्यादा आक्रामकता के साथ बीजेपी को जवाब दे पाएगी? क्या पार्टी में एकजुटता बढ़ेगी? क्या गाँधी परिवार पर उसकी निर्भरता कम होगी? गाँधी परिवार की पार्टी पर पकड़ पर क्या अब अंतर आएगा?
क्या चुनाव आयोग ने शिंदे गुट की मदद की? क्या उसने उसे ये बता दिया था कि उद्धव ठाकरे ने कौन से चुनाव चिन्ह माँगे हैं? क्या चुनाव आयोग से मिली जानकारी के आधार पर ही शिंदे ने उद्धव से मिलते-जुलते चुनाव चिन्ह माँगे? क्या पार्टी के नाम के बारे में भी चुनाव आयोग ने इसी तरह पक्षपात किया?
अमित शाह बार-बार नीतीश पर हमले क्यों कर रहे हैं? क्या उन्हें नीतीश की नई भूमिका से डर लगने लगा है? क्या उन्हें लग रहा है कि नीतीश को ध्वस्त किए बिना 2024 नहीं संभलेगा? क्या नीतीश कुमार शाह के हमलों का माकूल जवाब दे रहे हैं? क्या उनका इतना कहना काफ़ी है कि शाह का तज़ुर्बा केवल बीस साल का है?
वीएचपी की रैली में कथित संतों के क़त्ले आम के आह्वान पर मोदी सरकार चुप क्यों है? बीजेपी और संघ परिवार क्या मारकाट के इस आव्हान से सहमत हैं? क्या बीजेपी सांसद द्वारा मुसलमानों के पूरे बहिष्कार की अपील को वे जायज़ ठहराएंगे? क्या प्रधानमंत्री गृहयुद्ध को बुलाने वाले इन बयानों पर चुप रहेंगे या कुछ करेंगे?
क्या दिग्विजय सिंह को काँग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव का गंभीर उम्मीदवार माना जा सकता है? क्या गाँधी परिवार सचमुच में उन्हें अपना उम्मीदवार बना सकता है? अगर दिग्विजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया तो काँग्रेस को उससे नुक़सान होगा या फ़ायदा?
पंजाब पैटर्न पर खड़े हुए राजस्थान संकट का काँग्रेस पर कितना असर पड़ेगा? क्या अंदरूनी लड़ाई की वज़ह से काँग्रेस अगले साल राजस्थान भी गँवा देगी? क्या गाँधी परिवार ने एक और राज्य की राजनीति को साधने में नाकामी दिखाकर पार्टी का भारी नुक़सान करवा दिया है?
हिजाब के ख़िलाफ़ ईरानी महिलाओं का गुस्सा क्या रंग लाएगा? क्या ईरानी सरकार को आख़िरकार घुटने टेकने पड़ेंगे या फिर वह पहले की तरह दमन का रास्ता अख़्तियार करेगी? ईरानी औरतों में हिजाब को लेकर क्यों फूटा गुस्सा? क्या इसकी वजह 22 वर्षीय महसा अमीनी की हिरासत में मौत है या फिर ईरानी महिलाओं के अंदर हिजाब को लेकर गुस्सा भरा हुआ था?
क्या शशि थरूर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा गाँधी परिवार को चुनौती देने जैसा है? उनके ख़िलाफ़ क्या अशोक गहलौत मैदान में उतरेंगे या फिर आख़िरकार काँग्रेसी राहुल गाँधी को अध्यक्ष बनने के लिए मना लेंगे?
भारत जोड़ो को विफल करने के लिए बीजेपी का काँग्रेस तोड़ो अभियान कहाँ तक जाएगा? क्या काँग्रेस के पास इस तोड़-फोड़ का कोई जवाब है? काँग्रेस को छोड़िए, क्या कोई भी पार्टी अंधाधुंध रिश्वतखोरी और ब्लैकमेलिंग का मुक़ाबला कर सकी है?