क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूर्व सैनिक की कातर पुकार सुनेंगे? क्या मणिपुर में 63 दिन से चल रहे गृहयुद्ध पर अपनी चट्टानी चुप्पी तोड़ेंगे? क्या देश के मुखिया होने के नाते उन्हें हिंसा और आग़ज़नी के शिकार मणिपुरियों के ज़ख़्मों पर मरहम नहीं लगाना चाहिए? राहुल गाँधी ने तो दौरा कर लिया, मगर अभी तक वे वहाँ क्यों नहीं गए? क्या मणिपुरियों की पीड़ा से वे इसलिए नहीं पिघल रहे क्योंकि वहाँ लोकसभा की केवल दो सीटें हैं? क्या उनके लिए महाराष्ट्र की सत्ता और अमेरिका के तमाशे ही ज़्यादा अहम हैं?