लाल क़िले से प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में आत्मविश्वास की कमी क्यों थी? क्या वह एक थके एवं हारे हुए नेता का भाषण था, जो न सही शब्द ढूंढ़ पा रहा था न विचार? वे किस तरह की दुविधा में थे? वे किसको संबोधित कर रहे थे? क्या उनका भाषण चुनावी भाषण था? क्या उनके भाषण से ये संकेत मिलता है कि वे जल्दी चुनाव करवाना चाहते हैं? क्या वे अपनी मार्केटिंग कर रहे थे?