टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के सभी कैंपसों में बड़े पैमाने पर प्रोफेसर और नॉन टीचिंग स्टाफ की सेवाएं बर्खास्त कर दी गई हैं। इसमें काफी लोग कई दशक से कार्यरत थे। इसकी मुख्य वजह यह बताई गई है कि टाटा एजुकेशन ट्रस्ट ने टिस को दी जाने वाली ग्रांट रोक दी है।
प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम (पीएसएफ) ने आरोप लगाया कि संस्थान का यह निर्णय एक विरोध मार्च में छात्र की भागीदारी से जुड़ा है। केंद्र सरकार की कथित छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ उसने जनवरी में दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया था जिसके कारण संस्थान ने यह कदम उठाया है।