Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। AFP: तालिबान ने भारत के दूतावास कर्मचारियों को निकलने में मदद की थी। तालिबान नहीं चाहता था भारतीय राजनयिक दूतावास से जाएँ!
तालिबान का खौफ कैसा है यह अफ़ग़ानिस्तान के काबुल हवाई अड्डे पर दिखता है। माँ-बाप ही ऊँची दीवार और उस पर लगे कंटीले तारों के ऊपर से अपने बेटे-बेटियों को दूसरी ओर फेंक रहे हैं ताकि वे बच जाएँ!
ख़बर ये आ रही है कि अखुंदज़ादा पाकिस्तान की सेना की हिरासत में है। भारत सरकार को विदेशों की ख़ुफ़िया एजेंसियों से यह जानकारी मिली है और इस बारे में और ज़्यादा जानकारी जुटाई जा रही है।
जर्मनी के सरकारी प्रसारक ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान लड़ाकों ने 'ड्यूश वेले' यानी डीडब्ल्यू के पत्रकार के एक रिश्तेदार की गोली मारकर हत्या कर दी है। आतंकवादी उस पत्रकार की घर-घर तलाशी ले रहे थे, जो अब जर्मनी में काम करता है।
क्या अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था ऐसी है जिसे तालिबान संभाल सके? आर्थिक मदद पर निर्भर अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी? अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान के ही 9.5 बिलियन डॉलर रिजर्व को फ्रीज कर दिया है।
तालिबान के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है, वह है पंजशिर प्रांत। पूरे मुल्क़ में यही एक प्रांत है, जहां पर तालिबान तो छोड़िए, सोवियत संघ से लेकर अमेरिका तब कब्जा नहीं कर पाए और इस बात के लिए पंजशिर की मिसाल दी जाती रही है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।TMC नेताओं पर ‘तालिबानी स्टाइल’ में हमला करें कार्यकर्ता: बीजेपी विधायक । विपक्षी नेताओं संग सोनिया की बैठक आज, एकजुटता पर जोर
हिन्दुस्तान में तालिबान के समर्थन या विरोध की बहस बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी है। देशभक्ति और गद्दार की परिभाषाएं इस बहस के दौरान टेलीविजन चैनलों पर गढ़ी जा रही हैं।
काबुल में रहने वाली परिसा फदायी ने काबुल से 'सत्य हिंदी' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि तालिबानियों ने काबुल में लोगों को घरों में ही रहने के आदेश जारी किए हैं।
क्या तालिबान की जीत रैडिकल इस्लाम की जीत ? कट्टरपंथ की जीत ? क्या इस वजह से इस्लाम में रैडिकलाइजेशन बढेगा ? आतंकवादी तत्व मज़बूत होंगे ? आशुतोष के साथ चर्चा में कमर वहीद नकवी, शकील शम्सी, शीबा असलम फहमी, आदिल रशीद और आलोक जोशी ।
अफ़ग़ानिस्तान में अब शासन प्रशासन पर तालिबान का कब्जा हो गया है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफ़ग़ानिस्तान के मसले पर जो बयान दिया, वह उसके नीतिगत बदलाव के संकेत देते हैं।
भारत के अलग अलग शहरों में अफगानिस्तान के बहुत से छात्र पढ़ते हैं। अफगानिस्तान में सत्ता पलट के बाद इनके लिए मुसीबत हो गई है। और बड़ी मुसीबत यह है कि इनमें से बहुतों के वीसा खत्म हो रहे हैं। क्या करें, कहां जाएं, यह सवाल है इनके आगे। आलोक अड्डा में आज ऐसे ही कुछ छात्रों से बातचीत
क्या योगी तालिबान मसले का इस्तेमाल हिंदू-मुसलमान ध्रुवीकरण के लिए कर पाएंगे? क्या इसका फ़ायदा समाजवादी पार्टी को भी मिल सकता है मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-सतीश के सिंह, विनोद अग्निहोत्री, शरद प्रधान, अंबरीश कुमार एवं यूसुफ़ अंसारी
पंजशिर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद तालिबान को चुनौती देने को तैयार हैं, उन्होंने दूसरे लोगों के साथ मिल कर 'सेकंड रेजिस्टेन्स' नामक मोर्चा बनाया है।
फ़िल्म निर्देशक और अफ़ग़ान फ़िल्म की महानिदेशक सहारा करीमी ने लिखा है कि तालिबान ने पिछले कुछ हफ्तों में कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने हमारे लोगों का नरसंहार किया, कई बच्चों का अपहरण किया...