तालिबान ने छह दिनों के अंदर अफ़ग़ानिस्तान के आठ प्रांतों पर क़ब्ज़ा कर लिया है। ताजिकिस्तान से सटे इलाक़े बदक्शान की राजधानी फ़ैजाबाद पर उसके लड़ाकों ने बुधवार की सुबह नियंत्रण कर लिया।
अफगानिस्तान में खूनखराबा और तेज़ हुआ। आधे से ज्यादा देश में फैला तालिबान। अमेरिका वापसी पर अड़ा। कैसे चलेगी अफगान सरकार? क्या यह बनेगा भारत के लिए सिरदर्द? विवेक काटजू, एस डी मुनि, शिवकांत, और शाहज़ेब जीलानी के साथ आलोक जोशी और हिमांशु बाजपेई।
अफ़ग़ानिस्तान के बाल्ख़ प्रांत की राजधानी मज़ार-ए-शरीफ़ के वाणिज्य दूतावास को भारत ने बंद कर दिया है और वहाँ से भारतीयों को निकालने के लिए एक विशेष विमान मंगलवार को भेजा है।
तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के छह प्रांतों पर क़ब्ज़ा कर लिया है, हज़ारों लोग विस्थापित हो चुके हैं और हज़ारों सड़कों पर चल रहे हैं। मानवीय संकट खड़ा हो गया है, जिसके बढने की आशंका जताई जा रही है।
अफ़ग़ानिस्तान के तीन प्रांतों की राजधानियों में तालिबान के लड़ाके दाखिल हो चुके हैं, लश्कर गाह में सडकों पर लाशें हैं और काबुल में रक्षा मंत्री के घर पर आत्मघाती हमला हुआ है।
रिपोर्ट है कि तालिबान ने एक कॉमेडियन की नृशंस हत्या कर दी है। एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिनों पहले तालिबान ने रायटर्स के भारतीय पत्रकार की हत्या कर दी थी। हाल में 22 निहत्थे अफ़ग़ानी सैनिकों की बर्बर तरीक़े से हत्या की ख़बर आई थी।
तालिबान ने जिस तरह काबुल पर क़ब्ज़ा करते ही महिलाओं को घर जाने को कह दिया और उनके पोस्टर हटा दिए, लोगों को पुराने दिनों की याद ताज़ा हो गई है। फिर यह नया तालिबान क्या है?
अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ग़ान सेना और तालिबान के कट्टरपंथियों के बीच चल रहे संघर्ष में राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी के काबुल स्थित आवास के पास मंगलवार को रॉकेट गिरे हैं।
दानिश सिद्दीकी की तसवीरें खोयी इंसानियत को तलाश करने की अपील हैं। तालिबान अपने अफ़सोस की रस्म से निकलकर यह असली काम कर पाएँगे या भारत में या पूरी दुनिया में हिंसा और युद्ध को ही जीवन बना देनेवाले इस अपील को सुन पाएँगे, पूछ रहे हैं लेखक अपूर्वानंद।
भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी अफ़ग़ानिस्तान संघर्ष में मारे गए। वह अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के लिए अफ़ग़ानिस्तान में रिपोर्टिंग कर रहे थे।