बीआरएस नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कोई राहत देने से इंकार कर दिया है। उन्हें 15 मार्च को दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को आय से अधिक संपत्ति के मामले में पोनमुडी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी और तीन साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया था। जानिए, अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को क्या कहा।
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से मुख्य न्यायाधीश को हटाने वाले क़ानून पर रोक से इनकार क्यों? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।
भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी गलती के लिए माफी मांगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांगी है।
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर आपत्ति उठाए जाने पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह इसका विरोध करती है। जानिए, इसने अपने पक्ष में क्या तर्क दिये हैं।
क्या ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय आरोपियों को लगातार जेल में रखने के लिए एक के बाद एक आरोप-पत्र दायर करती रहती है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई के दौरान क्या कहा।
क्या अजित पवार खेमे को असली एनसीपी बताने का जो आधार चुनाव आयोग ने तय किया वह संवैधानिक रूप से सही नहीं था? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने आख़िर क्यों कहा कि वह फ़ैसला मतदाता का मजाक है।
क्या सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम को असंवैधानिक घोषित किया जाएगा? जानिए, इसकी मांग करने वाली 200 से ज़्यादा याचिकाओं पर सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मनी लॉन्ड्रिंग केस में नियमित जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है। सत्येंद्र जैन पिछले 10 महीने से स्वास्थ्य के आधार पर मिली जमानत पर बाहर थे।
इलेक्टोरल बॉन्ड पर एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से झटका दिया है! जानिए, आख़िर क्यों वह बार-बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती दे रहा है और अदालत ने उसे अब क्या आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि संवैधानिक बेंच ने इस केस में दिए अपने फैसले में साफ तौर पर कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीदने की तिथि, खरीदार का नाम, श्रेणी समेत इसकी विस्तृत जानकारी दी जायेगी। लेकिन बॉन्ड के यूनिक नंबर की जानकारी एसबीआई ने चुनाव आयोग को नहीं दी है।
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी मिलने के बाद अब इसको चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया गया। जानिए, चुनाव आयोग ने क्या कहा है।
एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी तो चुनाव आयोग को दी है, लेकिन इसमें किस-किस तरह की जानकारी दी गई है और कौन सी जानकारी अभी भी नहीं दी गई? जानें एसबीआई ने क्या कहा है।