मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फिर से केंद्र को झटका दिया है। दो मामलों में। एक तो अदालत ने केंद्र को कहा कि वह दिल्ली को हर रोज़ 700 मिट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन दे। और दूसरे कर्नाटक को भी पर्याप्त आपूर्ति करने को कहा।
कोरोना संकट के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को फिर झटका लगा है। अदालत ने कहा है कि देश में ऑक्सीजन आवंटन में पूरी तरह फेरबदल की ज़रूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) अधिनियम, 2018 के लिए महाराष्ट्र राज्य आरक्षण को रद्द कर दिया है, जो सार्वजनिक शिक्षा और रोज़गार में मराठा समुदाय को आरक्षण देता है।
सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया का मुँह बंद करने से साफ इनकार करते हुए कहा है कि प्रेस लोकतंत्र का पहरेदार है और अदालत में हो रही सुनवाई की खबर देने से इसे नहीं रोका जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में केंद्र सरकार से कहा है कि वह अपनी कोरोना टीका खरीद नीति पर फिर से विचार करे। अदालत ने कहा कि संवधान के अनुच्छेद 21 में निहित स्वास्थ्य के अधिकार का यह उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा है कि यदि पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती दो हफ़्ते बाद हुई तो आसमान नहीं गिर पडेगा। राज्य चुनाव आयोग इसके बावजूद तय समय यानी 2 मई को वोटों का गिनती कराने पर तुला हुआ है।
कोरोना के बढ़ते संकट, रोज़ाना होने वाली पहले से ज़्यादा मौतों और अव्यवस्था व अफरातफरी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है और सवालों की बौछार कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना पर सुनवाई के दौरान कहा है कि इंटरनेट पर किसी भी नागरिक को अपनी तकलीफ़ों को बयान करने से न रोकें और अगर ऐसा हुआ तो उसे अदालत की अवमानना माना जायेगा।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से कहा है कि गिरफ़्तार मलयालम पत्रकार सिद्दिक़ कप्पन को दिल्ली भेज कर उनका इलाज कराए।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन की उपलब्धता और उनकी क़ीमत, ऑक्सीजन, कोरोना बेड और राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था के बारें में केंद्र सरकार से जबाव माँगे हैं।
जस्टिस एन. वी. रमना ने देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। रमना ने शुक्रवार को रिटायर हुए जस्टिस एस. ए. बोबडे की जगह ली है।
सुप्रीम कोर्ट: क्यों उठ रहे हैं ऐसे सवाल? हाईकोर्ट सक्रिय हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट सुस्त क्यों? देखिए न्यायपालिका की मौजूदा स्थिति पर सटीक विश्लेषण। वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास के साथ. Satya Hindi