सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस टूलकिट की एनआईए से जाँच कराने की माँग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि इस तरह की 'तुच्छ' याचिकाएँ दायर करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए।
जिस क़ानून को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने वाला बताकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था उसके तहत 1000 से ज़्यादा एफ़आईआर दर्ज की गई हैं और लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि कोरोना के कारण स्वासथ्य में कोई गड़बड़ी होती है और उससे रोगी की मौत हो जाती है, उस मामले में भी कोरोना को ही मौत का कारण माना जाएगा और इसे मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा देने का आदेश लेकिन सरकार को किस बात का डर? क्या सरकार को डर है कि आँकड़े सामने आ जाएंगे? वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण-
कोरोना वायरस से मारे गए लोगों को मुआवजा देने से इनकार कर चुकी केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। इसने मुआवजा देने के नियम और राशि छह हफ़्ते में तय करे। क्या इससे कोविड मौत का सच सामने आने का डर है?
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। SC: 31 जुलाई तक लागू हो 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम। सिसोदिया बोले- बीजेपी नेताओं ने गाड़ी तोड़ी, स्कूल में तोड़फोड़ की। दोपहर तक की ख़बरें-
ग़ाज़ियाबाद में एक मुस्लिम व्यक्ति के हमले के बारे में ट्वीट को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट से ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी को मिली अंतरिम राहत के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई है।
केंद्र सरकार ने एक महीने पहले अगस्त से दिसंबर तक 216 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराने का दावा किया था लेकिन अब इसका कहना है कि वह 135 करोड़ वैक्सीन ही उपलब्ध करा पाएगी।
हम शायद महसूस नहीं कर पा रहे हैं कि संसद और विधानसभाओं की बैठकें अब उस तरह से नहीं हो रही हैं जैसे पहले कभी विपक्षी हो-हल्ले और शोर-शराबों के बीच हुआ करती थीं और अगली सुबह अख़बारों की सुर्खियों में भी दिखाई पड़ जाती थीं।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह कोरोना से मारे गए सभी लोगों को 4 लाख रुपये मुआवजा नहीं दे सकती है क्योंकि इससे पूरी आपात राहत निधि खाली हो जाएगी। सरकार ने शनिवार देर रात सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर यह बात कही है।
अरसे बाद पहली बार टीका नीति पर सुप्रीम कोर्ट तनकर खड़ा हुआ है और उसने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन क्या वह बड़े टकराव के लिए तैयार है? सुप्रीम कोर्ट बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दवे से बातचीत
अरसे बाद पहली बार टीका नीति पर सुप्रीम कोर्ट तनकर खड़ा हुआ है और उसने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन क्या वह बड़े टकराव के लिए तैयार है?
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली स्पेशल बेंच ने मोदी सरकार को फटकारते हुए वैक्सीन नीति का पूरा हिसाब किताब देने का आदेश दिया था। इसका ही नतीजा है कि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री द्वारा टीका मुफ़्त किए जाने के फ़ैसले का श्रेय सुप्रीम कोर्ट को दिया जा रहा है। मगर क्या ये माना जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट बदल गया है और उसकी विश्वसनीयता बहाल हो रही है?