केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर का मसजिद के इमामों को भत्ता देने पर दिए गए आदेश में उन्होंने कई टिप्पणियां की हैं, जिन पर विवाद भी हो सकता है। उन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले को ही गलत ठहरा दिया है। उन्होंने अपने आदेश की कॉपी केंद्रीय कानून मंत्री को भी भेजने का निर्देश दिया। पढ़िए उनकी टिप्पणियों कोः
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर जो हड़बड़ी दिखाई गई है उसपर सवाल खड़ा कर दिया है .इस संदर्भ में शीर्ष अदालत ने जो टिपण्णी की है वह बहुत गंभीर है .आज की जनादेश चर्चा .
केंद्र सरकार ने आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जब ईसी अरुण गोयल की नियुक्ति संबंधी फाइल पेश की तो उसे देखने के बाद अदालत की संवैधानिक पीठ ने कहा कि ईसी अरुण गोयल की नियुक्ति में बहुत ज्यादा जल्दबाजी दिखाई गई है। फिलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। जानिए कोर्ट में गुरुवार को और क्या हुआः
चुनाव आयोग की नियुक्तियों का मामला गर्म हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की फाइल दिखाए सरकार। टी एन शेषन के बाद कैसे कमजोर हुआ चुनाव आयोग? कॉलेजियम सिस्टम से क्या वापस आ जाएगी आयोग की ताकत? आलोक जोशी के साथ उमाकांत लखेड़ा, प्रदीप श्रीवास्तव, विराग गुप्ता और शरत प्रधान।
सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग में सीईसी और ईसी की नियुक्ति को लेकर पारदर्शी सिस्टम बनाने पर बहस हुई। अदालत ने मंगलवार को भी सख्त टिप्पणियां कीं। क्या क्या कहा, जानिएः
चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों में पारदर्शिता नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कड़ी टिप्पणियां की हैं। जानिए पूरा ब्यौराः
अपनी स्पष्टवादिता के लिए मशहूर भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कहना है कि निचली अदालतों के जज बदनामी के डर से जघन्य मामलों में जमानत नहीं देते हैं। और क्या कहा, जानिएः
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को रिहा करने के अपने फ़ैसले को क्या सुप्रीम कोर्ट बदल पाएगा? जानिए सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने क्या रखी है दलील।
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि नकली नोटों की संख्या और उनकी वैल्यू में अच्छी-खासी गिरावट आई है। इसके अलावा डिजिटल लेनदेन काफी बढ़ गया है। नोटबंदी को लेकर विपक्षी दल खासकर कांग्रेस मोदी सरकार पर जमकर हमलावर रही है।
लालच देकर या जबरन धर्मांतरण का मुद्दा क्या देश में बढ़ता जा रहा है? सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या क़दम उठाए हैं? जानिए, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।
सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम और केंद्र सरकार के बीच फिर से तनातनी की खबरें हैं। 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सुप्रीम कोर्ट अभी तक करीब 8-10 बार सरकार को जजों की नियुक्ति में देरी, नामों को पेंडिंग रखना, लिस्ट लौटाने पर नाराजगी जता चुका है। 2014 में तो केंद्र ने एक आयोग बनाकर कॉलिजियम सिस्टम को खत्म करने की भी कोशिश की थी। पढ़िए पूरी कहानीः
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भारत के पचासवें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। उनके सामने बहुत बड़ी चुनौतियां हैं। लेकिन उनका रिकॉर्ड सबसे बड़़ी चुनौती है क्योंकि इससे बहुत सी उम्मीदें जाग चुकी हैं। कितने खरे उतरेंगे वो इन चुनौतियों पर? सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से आलोक जोशी की बातचीत।
आंध्र प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की ट्यूशन फीस बेतहाशा बढ़ाए जाने के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षा कोई फायदा कमाने का धंधा नहीं है। ट्यूशन फीस सस्ती होना चाहिए। जानिए पूरा मामलाः