बिलकीस बानो बलात्कार मामले में 11 दोषियों को जेल से रिहा कर करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुद को अलग क्यों किया? जानिए, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने क्या कहा है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे उस मामले में सरमा ने मानहानि का मुक़दमा किया है। जानें क्या है मामला।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफ़ारिश किए जाने के ढाई महीने बाद बॉम्बे हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपांकर दत्ता को पदोन्नति मिली। जानिए, आख़िर किन वजहों से चर्चा में रहे हैं जस्टिस दत्ता।
रामपुर उपचुनाव में मतदाताओं को वोट डालने से रोकने का मामला सुप्रीम कोर्ट में आज 7 दिसंबर को सीजेआई के सामने मेंशन किया गया। चीफ जस्टिस ने इस गंभीर बताते हुए वकील से आग्रह किया कि रामपुर के मामले को कल 8 दिसंबर को बेंच के सामने मेंशन किया जाए। कल ही वहां वोटों की गिनती भी है। जानिए पूरा मामलाः
लालच देकर या जबरन धर्मांतरण का मुद्दा क्या देश में बढ़ता जा रहा है? सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या क़दम उठाए हैं? जानिए, सुप्रीम कोर्ट में आख़िर क्यों सुनवाई हो रही है?
ईडी प्रमुख के पद पर क्या तीन बार विस्तार देना सामान्य बात है? आख़िर उन्हें लगातार तीसरी बार क्यों पद पर बनाए रखा गया? जानिए, अब सुप्रीम कोर्ट में क्यों चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट कानून मंत्री किरण रिजिजु के बयान से ख़फ़ा क्यों है उसने क्यों कहा कि सरकार उसके द्वारा सुझाई गई नियुक्तियों को हरी झंडी नहीं दे रही क्या सरकार कॉलेजियम सिस्टम को दरकिनार करके नियुक्तियों का अधिकार अपने हाथों में लेना चाहती है क्या नियुक्तियों के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच ठन गई है
लालच देकर या जबरन धर्मांतरण का मुद्दा क्या देश में बढ़ता जा रहा है? सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या क़दम उठाए हैं? जानिए, उसने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा।
कई दिनों से सुप्रीम कोर्ट के कॉलिजियम सिस्टम पर अटैक कर रहे केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू की सभी टिप्पणियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 28 नवंबर को पूरी तरह खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार को कॉलिजियम सिस्टम को मानना ही होगा। अदालत ने और क्या कहा, जानिएः
केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर का मसजिद के इमामों को भत्ता देने पर दिए गए आदेश में उन्होंने कई टिप्पणियां की हैं, जिन पर विवाद भी हो सकता है। उन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले को ही गलत ठहरा दिया है। उन्होंने अपने आदेश की कॉपी केंद्रीय कानून मंत्री को भी भेजने का निर्देश दिया। पढ़िए उनकी टिप्पणियों कोः
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर जो हड़बड़ी दिखाई गई है उसपर सवाल खड़ा कर दिया है .इस संदर्भ में शीर्ष अदालत ने जो टिपण्णी की है वह बहुत गंभीर है .आज की जनादेश चर्चा .
केंद्र सरकार ने आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जब ईसी अरुण गोयल की नियुक्ति संबंधी फाइल पेश की तो उसे देखने के बाद अदालत की संवैधानिक पीठ ने कहा कि ईसी अरुण गोयल की नियुक्ति में बहुत ज्यादा जल्दबाजी दिखाई गई है। फिलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। जानिए कोर्ट में गुरुवार को और क्या हुआः
चुनाव आयोग की नियुक्तियों का मामला गर्म हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की फाइल दिखाए सरकार। टी एन शेषन के बाद कैसे कमजोर हुआ चुनाव आयोग? कॉलेजियम सिस्टम से क्या वापस आ जाएगी आयोग की ताकत? आलोक जोशी के साथ उमाकांत लखेड़ा, प्रदीप श्रीवास्तव, विराग गुप्ता और शरत प्रधान।
सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग में सीईसी और ईसी की नियुक्ति को लेकर पारदर्शी सिस्टम बनाने पर बहस हुई। अदालत ने मंगलवार को भी सख्त टिप्पणियां कीं। क्या क्या कहा, जानिएः
चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों में पारदर्शिता नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कड़ी टिप्पणियां की हैं। जानिए पूरा ब्यौराः