अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत निर्धारित प्रतिबंधों के अलावा किसी भी तरह का अन्य प्रतिबंध जनप्रतिनिधियों की अभिव्यक्ति की आजादी पर नहीं लगाया जा सकता है।
नोटबंदी के ऐलान के बाद देश में भगदड़ मच गई थी और बड़ी संख्या में लोग एटीएम के बाहर पहुंच गए थे। लेकिन कुछ ही घंटों में एटीएम से सारी नकदी खत्म हो गई थी और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किए गए एक के बाद एक ट्वीट में पी. चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में अल्पमत के फैसले ने लोकतंत्र में संसद की अहम भूमिका पर जोर दिया है और ऐसी आशा है कि भविष्य में भी निरंकुश संसद जनता पर अपने विनाशकारी फैसलों को नहीं थोपेगी।
उच्च न्यायपालिका में खाली पदों का मुद्दा आख़िर क्यों लटका है? क्या वजह पता है? और यदि ऐसा है तो इसका समाधान क्यों नहीं हो रहा है? जानिए, क़ानून मंत्री क्या कहते हैं।
अधिकारियों के ख़िलाफ़ घूसखोरी या भ्रष्टाचार के दोष साबित करने लिए सबूत को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक अहम फ़ैसला सुनाया है। जानिए, इसने क्या कहा।
बिलकीस बानो बलात्कार मामले में 11 दोषियों को जेल से रिहा कर करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुद को अलग क्यों किया? जानिए, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने क्या कहा है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे उस मामले में सरमा ने मानहानि का मुक़दमा किया है। जानें क्या है मामला।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफ़ारिश किए जाने के ढाई महीने बाद बॉम्बे हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपांकर दत्ता को पदोन्नति मिली। जानिए, आख़िर किन वजहों से चर्चा में रहे हैं जस्टिस दत्ता।
रामपुर उपचुनाव में मतदाताओं को वोट डालने से रोकने का मामला सुप्रीम कोर्ट में आज 7 दिसंबर को सीजेआई के सामने मेंशन किया गया। चीफ जस्टिस ने इस गंभीर बताते हुए वकील से आग्रह किया कि रामपुर के मामले को कल 8 दिसंबर को बेंच के सामने मेंशन किया जाए। कल ही वहां वोटों की गिनती भी है। जानिए पूरा मामलाः
लालच देकर या जबरन धर्मांतरण का मुद्दा क्या देश में बढ़ता जा रहा है? सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या क़दम उठाए हैं? जानिए, सुप्रीम कोर्ट में आख़िर क्यों सुनवाई हो रही है?
ईडी प्रमुख के पद पर क्या तीन बार विस्तार देना सामान्य बात है? आख़िर उन्हें लगातार तीसरी बार क्यों पद पर बनाए रखा गया? जानिए, अब सुप्रीम कोर्ट में क्यों चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट कानून मंत्री किरण रिजिजु के बयान से ख़फ़ा क्यों है उसने क्यों कहा कि सरकार उसके द्वारा सुझाई गई नियुक्तियों को हरी झंडी नहीं दे रही क्या सरकार कॉलेजियम सिस्टम को दरकिनार करके नियुक्तियों का अधिकार अपने हाथों में लेना चाहती है क्या नियुक्तियों के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच ठन गई है
लालच देकर या जबरन धर्मांतरण का मुद्दा क्या देश में बढ़ता जा रहा है? सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या क़दम उठाए हैं? जानिए, उसने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा।
कई दिनों से सुप्रीम कोर्ट के कॉलिजियम सिस्टम पर अटैक कर रहे केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू की सभी टिप्पणियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 28 नवंबर को पूरी तरह खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार को कॉलिजियम सिस्टम को मानना ही होगा। अदालत ने और क्या कहा, जानिएः