पिछले साल सितंबर में हेट स्पीच के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि टीवी पर, अभद्र भाषा को रोकना एंकरों का कर्तव्य है। अदालत ने हेट स्पीच के मामले में टीवी एंकर्स को लेकर और क्या टिप्पणियां की हैं?
पिछले कुछ महीनों में सुप्रीम कोर्ट हेट स्पीच को लेकर कई बार सख्त टिप्पणी कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट की इन टिप्पणियों के बाद यह सवाल खड़ा हुआ है कि आखिर हेट स्पीच में शामिल चैनलों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी?
दिल्ली में 2021 में हुई धर्म संसद में कथित नफ़रती भाषण के लिए बार-बार दिल्ली पुलिस की खिंचाई क्यों हो रही है? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने अब दिल्ली पुलिस से क्या कहा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम पर तीखी टिप्पणी करने वाले अब संविधान की मूल संरचना का हवाला देकर अदालत पर क्यों नाराज़ हो रहे हैं?
बिना ओबीसी आरक्षण के उत्तर प्रदेश के शहरी निकाय चुनाव कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फ़ैसला दिया है। जानिए योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए कैसा है यह फ़ैसला।
वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ गया तो इस पर सवाल नहीं उठने चाहिए। लेकिन क्या अब तक सरकार की तरफ़ से ही कोई यह कहने की स्थिति में है कि नोटबंदी का फ़ैसला अच्छा था? कोई भी फ़ायदा गिनाया जा सकता है?
सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के फ़ैसले को वैध ठहराया है। लेकिन विपक्षी दल क्यों नोटबंदी के फ़ैसले की आलोचना करते हैं? जानिए, संजय राउत नोटबंदी को लेकर क्या टिप्पणी की।
क्या सिनेमा हॉल में फिल्म देखने वालों को अपनी पसंद का भोजन, स्नैक्स या पीने की चीज ले जाने की छूट होनी चाहिए? क्या सिनेमा हॉल में स्नैक्स के ज़्यादा पैसे वसूले जाते हैं? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या फ़ैसला दिया।
अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत निर्धारित प्रतिबंधों के अलावा किसी भी तरह का अन्य प्रतिबंध जनप्रतिनिधियों की अभिव्यक्ति की आजादी पर नहीं लगाया जा सकता है।
नोटबंदी के ऐलान के बाद देश में भगदड़ मच गई थी और बड़ी संख्या में लोग एटीएम के बाहर पहुंच गए थे। लेकिन कुछ ही घंटों में एटीएम से सारी नकदी खत्म हो गई थी और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किए गए एक के बाद एक ट्वीट में पी. चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में अल्पमत के फैसले ने लोकतंत्र में संसद की अहम भूमिका पर जोर दिया है और ऐसी आशा है कि भविष्य में भी निरंकुश संसद जनता पर अपने विनाशकारी फैसलों को नहीं थोपेगी।
उच्च न्यायपालिका में खाली पदों का मुद्दा आख़िर क्यों लटका है? क्या वजह पता है? और यदि ऐसा है तो इसका समाधान क्यों नहीं हो रहा है? जानिए, क़ानून मंत्री क्या कहते हैं।
अधिकारियों के ख़िलाफ़ घूसखोरी या भ्रष्टाचार के दोष साबित करने लिए सबूत को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक अहम फ़ैसला सुनाया है। जानिए, इसने क्या कहा।