जस्टिस अब्दुल नज़ीर को राज्यपाल बनाए जाने पर बवाल क्यों खड़ा हो गया है? क्या उन्हें भी रंजन गोगोई की तरह पुरस्कार मिला है? क्या उन्हें राज्यपाल इसलिए बनाया गया है क्योंकि अयोध्या विवाद, तीन तलाक केस और नोटबंदी के फ़ैसले में उन्होंने सरकार के पक्ष में राय दी थी? क्या रिटायरमेंट के तुरंत बाद नियुक्ति से न्यायाधीशों को कोई संदेश दिया गया है?
अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है और केंद्र सरकार ने जाँच को लेकर क्या कहा। यह जाँच किस चीज की होगी?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । अयोध्या फ़ैसला देने वाली बेंच में थे जस्टिस नज़ीर, राज्यपाल बने । जस्टिस नज़ीर की नियुक्ति पर कांग्रेस : ये न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए बड़ा खतरा
सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति पर कांग्रेस शोर क्यों मचा रही है? क्या कांग्रेस सरकार में ऐसा नहीं हुआ था? पहले बीजेपी कैसी प्रतिक्रिया देती थी?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को जिन 13 राज्यों के लिए राज्यपाल की नियुक्ति की है उसमें सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस ए नज़ीर (सेवानिवृत्त) भी शामिल हैं। जानिए आख़िर सोशल मीडिया पर वह क्यों ट्रेंड कर रहे हैं।
दो नये जजों की नियुक्ति के साथ सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत जजों की संख्या 34 के साथ यह पूरी हो गई है। नये जजों की नियुक्ति के साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट फुल बैंच के साथ काम करेगी।
बिलकीस बानो के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की रिहाई क्या रद्द होगी? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने अब क्या फ़ैसला लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर कथित प्रतिबंध लगाए जाने के मामले का सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। जानिए इसे केंद्र से क्या कहा।
हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने वाले याचिकाकर्ता ने अदालत से राजनीतिक दलों को धर्म से जुड़े नामों और प्रतीकों का उपयोग करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की।
सरकार और सुप्रीम कोर्ट में घमासान जारी । क़ानून मंत्री का हमला जारी । कहाँ जज कोई चुन कर आते हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने भी जजों की फ़ाइल पब्लिक की ? क्या इससे सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को सरकार जानबूझकर गिरा रही है ? आशुतोष के साथ चर्चा में दिनेश द्विवेदी, राकेश सिन्हा, गौतम लाहिड़ी, सरीम नावेद और महमूद आबिदी ।
संविधान के मूल ढाँचा का सुप्रीम कोर्ट का सिद्धांत मोदी सरकार को खटकता क्यों है? आख़िर एक के बाद एक बयान संसद की सुप्रीमेसी पर क्यों आ रहे हैं? जानिए, अब क़ानून मंत्री किरेण रिजिजू ने क्या कहा।
भारत में इच्छामृत्यु का अधिकार तो पाँच साल पहले ही मिल गया है, लेकिन अब यह फिर से चर्चा में क्यों है? इच्छामृत्यु की वसीयत लिखने के लिए दिशा-निर्देशों में बदलाव की मांग क्यों?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । कर्नाटक: कांग्रेस आई तो देगी हर परिवार की महिला को 2000 रुपये । कर्नाटक: प्रियंका बोलीं- वोट देने से पहले पिछले सालों की स्थिति का आकलन कीजिए
सुप्रीम कोर्ट को आख़िर क्यों कहना पड़ा कि न्यूज़ एंकर नफ़रत फैला रहे हैं? अदालत ने एनबीएसए से क्यों कहा कि आप समाज को बांट रहे हैं, हेट स्पीच देने वाले कितने एंकरों को ऑफ एयर किया?
देश के संविधान पर उपराष्ट्रपति से लेकर भारत के कानून मंत्री तक टिप्पणी कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में उपराष्ट्रपति का बयान या हमला गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आखिर सरकार की मंशा क्या है। जानी-मानी पत्रकार वंदिता मिश्रा ने उपराष्ट्रपति के बयान से जारी विवाद के संदर्भ में सभी पहलुओं को समझाने की कोशिश की है।