पंजाब में सीएम और राज्यपाल के बीच चल रहे विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई में पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गये विधानसभा सत्र को राज्यपाल द्वारा अवैध बताने और सदन द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने के मामले में सुनवाई की गई।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि ऐसे मामलों के लिए हाईकोर्ट में एक स्पेशल बेंच गठित की जानी चाहिए। साथ ही निचली अदालतें सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित क्रिमिनल केसों की निगरानी के लिए स्वत:संज्ञान लें।
नीतीश कुमार ने सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर जातिगत आरक्षण 65 फीसदी देने का क़ानून तो पास कर दिया, लेकिन क्या यह सुप्रीम कोर्ट के सामने टिक भी पाएगा?
नीतीश कुमार ने सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर जातिगत आरक्षण 65 फीसदी देने की घोषणा तो कर दी, लेकिन क्या सुप्रीम कोर्ट की तय 50 फीसदी की सीमा आड़े नहीं आएगी?
मनी लॉन्ड्रिंग के केस में अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर रह रहे दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आप के नेता सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 6 नवंबर को सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस बात को लेकर सख्त नाराजगी जताई है कि राज्य सरकारों को विधानसभा से पारित विधेयकों को राज्यपाल से पास कराने के लिए बार-बार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
चुनावी बॉन्ड योजना पर क्या सरकार का यह दावा सही है कि मतदाताओं को राजनीतिक दलों के धन का स्रोत जानने का अधिकार नहीं है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने इसपर क्या कहा।
इलेक्टोरल बॉन्ड पर पहले सरकार ने कह दिया था कि लोगों को यह जानने का अधिकार नहीं है और अब चुनाव आयोग ने कह दिया है कि इस पर उसके पास आँकड़े ही नहीं है। जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उनगे गोद लेने के अधिकार के सवाल पर भी सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला दिया है। जानिए, अदालत ने क्या कहा।
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला दे दिया है। जानिए, इस फ़ैसले के दौरान अदालत ने कौन-कौन सी बड़ी बातें कहीं।
सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष का दावा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू होने के कारण ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा सुनवाई के लायक नहीं है। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है।
एक गर्भपात आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की जमकर खिंचाई की। इसने सुप्रीम कोर्ट की बेंच से पेश आने केंद्र के तौर तरीकों पर कड़ा ऐतराज़ जताया। जानिए, आख़िर क्या मामला था।