इलेक्टोरल बॉन्ड पर फ़ैसले रोकने के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की राय से आखिर कार्यकारी समिति सहमत क्यों नहीं है? जानिए, इसने क्यों आलोचना की है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सोमवार को कहा था कि एसबीआई की दलीलों से संकेत मिलता है कि जानकारी आसानी से उपलब्ध है।
हाईकोर्ट ने मामले में सभी लोगों को रिहा करने का आदेश दिया, लेकिन महाराष्ट्र सरकार फिर से हाईकोर्ट के फ़ैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट क्यों चली गई? जानें इसने अब क्या कहा।
चुनावी बॉन्ड पर एसबीआई द्वारा समय मांगे जाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का विपक्ष ने स्वागत किया है और मोदी सरकार पर हमला किया है। जानिए, इसने मोदी सरकार पर क्या आरोप लगाया।
एक कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार द्वारा होने वाली चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को रोकने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने चुनाव आयुक्तों की इस नियुक्ति को रोकने के लिए 2023 के फैसले का हवाला देते हुए याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने से जुड़े केस में एसबीआई की याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई होगी। इस याचिका में राजनैतिक दलों द्वारा भुनाये गये प्रत्येक चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने की समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाने की मांग की गई है।
कथित माओवादी संबंधों के आरोप में जेल में बंद दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा जेल से बाहर आ गए। बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनको बरी कर दिया। इसी के साथ एक बड़ा सवाल है कि आख़िर किन वजहों से उनको जेल में रखा गया था और रिहाई की वजह क्या है?
जम्मू कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को ख़त्म किए जाने के फ़ैसले की आलोचना करने पर क्या किसी पर मुक़दमा हो सकता है? या फिर पड़ोसी देश पाकिस्तान को उसके स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तानियों को बधाई देना क्या गुनाह है? जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।
इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए एसबीआई द्वारा चार महीने का समय मांगे जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला किया है। जानिए, उन्होंने उन पर क्या आरोप लगाए हैं।
पिछले साल सनातन पर टिप्पणी कर विवादों में रहे उदयनिधि स्टालिन को अब सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। जानिए, यह अदालत में कैसे मामला पहुँचा और इसने क्या कहा।
बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद के कथित भ्रामक और झूठे विज्ञापनों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आख़िर कंपनी और केंद्र सरकार की खिंचाई क्यों की? जानिए, अवमानना नोटिस क्यों दिया।
स्थायी कमीशन को लेकर एक महिला तटरक्षक अधिकारी की याचिका पर अदालत ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। जानिए, इसने क्यों कहा कि यदि केंद्र क़दम नहीं उठाता है तो अदालत उठाएगी।