सुप्रीम कोर्ट थोड़ी देर में बाबरी मसजिद-राम मंदिर विवाद पर फ़ैसला सुना देगा। इसके लिए अयोध्या में ख़ास तैयारियाँ की गई हैं, सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
आज अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट फ़ैसला सुनाएगा। वे कौन मुद्दे हैं, जिन पर सर्वोच्च अदालत को निर्णय देना है? इन्ही मुद्दों पर 2010 में इलाहाबाद ने फ़ैसला सुनाया था। क्या था वह फैसला?
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट शनिवार को फ़ैसला सुनायेगा। लंबे समय से चल रहे इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच सुबह साढ़े 10 बजे फैसला सुनाएगी।
अयोध्या विवाद पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओम प्रकाश सिंह को सुप्रीम कोर्ट में बुलाया है।
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से पहले भले ही सबकुछ सामान्य दिख रहा है, लेकिन अयोध्या में लोगों के दिलों में डर भी है। तरह-तरह की आशंकाएँ क्यों हैं?
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से अयोध्या विवाद ख़त्म होगा या नहीं? यह इस पर भी निर्भर करता है कि फ़ैसला किस तरह का आता है? क्या फ़ैसला अनुकूल नहीं आएगा तो हिंदू या मुसलिम पक्ष झुकने को तैयार होगा? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से आने वाले फ़ैसले से पहले अयोध्या में विहिप ने एक चौंकाने वाला फ़ैसला लिया है। तीन दशक में पहली बार इसने राम मंदिर बनाने के लिए पत्थरों को तराशने के काम को बंद कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि इस मामले में ग़ैरजरूरी या भड़काऊ बयानबाज़ी नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि शांति और सौहार्द्र को बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।