यूपी निकाय चुनाव में राजनीतिक दल निम्न स्तरीय चुनाव अभियान चला रहे हैं। बीजेपी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अपने एक थीम सॉन्ग में टोंटी चोर तक कहा है। इसी तरह सपा ने बीजेपी को दंगा पार्टी कहा है। इस निम्नस्तरीय अभियान से लग रहा है कि किसी भी राजनीतिक दल के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है।
समाजवादी पार्टी ने पिछले चुनावों से क़रीब तीन गुना ज़्यादा सीटें जीती हैं, लेकिन सरकार बनाने में कामयाब नहीं हुई। जानिए, अखिलेश ने चुनाव नतीजों पर क्या कहा।
समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के सहयोगी दल अपना दल (के) चुनाव से ऐन पहले नाराज़ क्यों है? जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओ में असंतोष क्यों बढ़ रहा है?
यूपी को लेकर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भारी दबाव में आ गया है। इस संबंध में उसके कोर ग्रुप की बैठक भी हुई। बीजेपी छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी को खुली चुनौती दी है। पूरी रिपोर्ट में जानिए क्या कुछ हो रहा है।
महिलाओं के विवाह की न्यूनतम उम्र के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का क्या कहना है? उन्होंने अपनी ही पार्टी के कुछ सांसदों का विरोध क्यों किया?
कोरोना के चरम पर हुए पंचायत चुनाव में यूपी में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की दुर्गति हुई है। किसान आंदोलन की आँच में पार्टी पश्चिमी यूपी में भी बुरी तरह झुलसी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में भी बीजेपी को हार मिली है।
मध्य प्रदेश में सरकार में रहने तक कमलनाथ और कांग्रेस के झंडे तले खड़े बसपा के दो, सपा के एक और दो निर्दलीय विधायकों ने अब अपने हाथों में ‘कमल’ को थाम लिया है। इसके साथ ही बीजेपी की राज्यसभा के लिए दो सीटें पक्की हो गई हैं।