राजस्थान में सोशल मीडिया के जरिए माहौल को बिगाड़ने की कोशिश अभी भी जारी है। उदयपुर में इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद पुलिस ऐसे तत्वों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। राजसमंद में हुई घटना के जरिए भी अफवाह फैलाने की कोशिश की गई।
ख़ून में सना एक व्यक्ति के हंगामा करने के एक वीडियो में दावा किया गया है कि '14 दिन के एकांतवास में भी इन तब्लीग़ी जमात के लोगों ने अश्लीलता और आतंक मचा रखा है'। पढ़िए झूठ या सच।
नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद से सोशल मीडिया पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत का जो मौहाल तैयार किया जा रहा है, क्या वह स्वतस्फूर्त है या इसके पीछे किसी की साजिश है?
सोशल मीडिया ने लोगों को सशक्त बनाया है या शक्तिहीन? यह सवाल इसलिए कि सोशल मीडिया अब लोगों को गुमराह, प्रभावित और दिग्भ्रमित करने का एक कपटी हथियार बन गया है।