यूक्रेन में रूसी हमले की आशंका में अमेरिका ने 10 फ़रवरी को ही यूक्रेन छोड़ने की चेतावनी दी थी, लेकिन भारत ने 15 फ़रवरी को सिर्फ़ यूक्रेन छोड़ने पर विचार करने को कहा। तब तक तो टिकट भी नहीं मिल रहे थे, भला छात्र कैसे आते?
प्रधानमंत्री मोदी के उत्तर प्रदेश के चुनाव और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में हमले में क्या कुछ समानता है? क्या देनों नेताओं की महत्वाकांक्षाएँ एक जैसी हैं?
पेगासस के मामले में केंद्र सरकार एक बार फिर बुरी तरह घिर गई है। सवाल यह उठता है कि क्या जनता के धन से किसी भी सरकार द्वारा उसके ही ख़िलाफ़ जासूसी करने के हथियार ख़रीदे जा सकते हैं?
30 जनवरी को शहीद दिवस है यानी महात्मा गांधी की हत्या का दिन। गांधी के हत्यारे के समर्थक सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे के जयकार करते हैं। पढ़िए, गांधी पर 26 जनवरी 2022 को लिखी गयी श्रवण गर्ग की टिप्पणी।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने क्यों कहा कि मुख्यमंत्री पद का फ़ैसला पार्टी का आलाकमान नहीं बल्कि राज्य की जनता करेगी? क्या कांग्रेस में एक और संकट आ गया है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब में चुनावी रैली में शामिल होने जाने के दौरान उनके काफिले को फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट रुकना पड़ा। यह उनकी सुरक्षा में चूक तो है लेकिन क्या जान पर ख़तरा भी था?
पंजाब में बेअदबी के मामले और भीड़ हिंसा को लेकर जिस तरह के बयान आ रहे हैं और उस पर जिस तरह की चुप्पी है, क्या वे अच्छे संकते हैं? सजा अदालतें तय करेंगी या भीड़?
कंगना रनौत ने जब एक कार्यक्रम में कहा कि आज़ादी 1947 में नहीं बल्कि 2014 में मिली है तो तालियाँ बजाने वाले लोग कौन थे? आख़िर किसी ने भी खड़े होकर विरोध क्यों नहीं जताया?