श्रवण गर्ग की खरी खरी- प्रधानमंत्री को क्या सिर्फ बांग्लादेश के हिदुंओं के प्रति चिंता ज़ाहिर करनी चाहिये या फिर कुछ और भी कहा जाना चाहिये ? क्यों मुहम्मद यूनुस ने मंदिर जा कर बहुत बडा काम किया है ? क्यों प्रधानमंत्री का भाषण निराश करता है ?
दुनिया में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी पर प्रधानमंत्री जिस तरह से प्रहार कर रहे हैं क्या उसका विपरीत असर उन मतदाताओं पर भी नहीं पड़ रहा होगा जिनकी गिनती मोदी-समर्थकों में होती है?
लोकसभा चुनाव 2024 में केंद्र की मोदी सरकार के पास गिनाने के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धियां नहीं हैं। उसके पास महंगाई, बेरोजगारी पर जनता के गुस्से का फीडबैक भी है। इसलिए पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों को तोड़मरोड़ कर पेश करना शुरू कर दिया है। इसीलिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग इस चुनाव का बालाकोट बता रहे हैं। पढ़िए उनके विचारः
विपक्षी एकता और इतनी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद लोकसभा चुनाव के परिणामों को लेकर भाजपा अगर इतनी आश्वस्त ‘दिखाई’ पड़ती है तो उसके पीछे आख़िर बड़ा कारण क्या है?
वरिष्ठ पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जाने माने विशेषज्ञ वेदप्रताप वैदिक का पिछले साल आज ही के दिन यानी 14 मार्च को निधन हुआ था। जानिए, उनको कैसे याद करते हैं वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग।
गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही ग्वालियर में पार्टी-कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने का मंत्र दिया कि 'कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले भाजपा में लाएँ'। तो क्या चुनाव में उपलब्धियाँ गिनाने को कुछ नहीं है इसलिए ऐसी रणनीति बन रही है?
बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को विशाल बहुमत देने वाले चुनावी सर्वेक्षण सचाई के कितने क़रीब हैं? दक्षिण में स्थिति बुरी होने के बावजूद क्या वे इतनी सीटें जीत सकते हैं? क्या बिहार, बंगाल, कर्नाटक में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन की उनकी भविष्यवाणी सही साबित होगी? आगे चलकर तस्वीर और कितनी बदल सकती है?
अयोध्या में भव्य राम मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी को उनके मंत्रिमंडल ने उन्हें जननायक घोषित कर दिया। हालांकि आमतौर पर जननायक जनता घोषित करती है। लेकिन इतनी पेशबंदी के बावजूद भाजपा और पीएम मोदी आश्वस्त नहीं हो पा रहे हैं कि आखिर जनता ने इस इवेंट को राजनीतिक तौर पर कितना ग्रहण किया है। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग क्या कहना चाहते हैं, समझिएः
एक तरफ भाजपा के राम हैं जो जय श्रीराम हैं। दूसरी तरफ राहुल गांधी यानी कांग्रेस के राम हैं जो जय सियाराम हैं। राहुल के पास लोकतंत्र के राम हैं, जो भारत जोड़ो न्याय यात्रा में प्रत्यक्ष दिखाई पड़ रहे हैं लेकिन देश की मीडिया को नहीं दिखाई दे रहा है। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग की अनुभवी लेखनी जन-जन के राम को राहुल गांधी की यात्रा के जरिए बताने की कोशिश कर रहे हैं। आप भी जानिए- जय सिया राम...
साल 2023 हिंसा के प्रति बढ़ती मोहब्बत के लिए याद किया जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग बता रहे हैं कि किस तरह हमारे सत्ता प्रतिष्ठान के हिंसा के अचूक फॉर्मूले को बॉलीवुड ने भुनाया है। क्या कहना चाहते हैं देश के वरिष्ठ पत्रकार, जानिएः
संसद से 146 सांसदों के निलंबन ने कई आशंकाओं को जन्म दिया है। यह निलंबन क्या सिर्फ राजनीतिक दलों के लिए चेतावनी है या फिर इसमें जनता के लिए भी कोई संदेश छिपा है। क्या भारतीय राजनीति विपक्ष मुक्त संसद की तरफ बढ़ रही है। ऐसे ही सवालों को उठाते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग की टिप्पणीः
मध्य प्रदेश में भाजपा आई तो सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा, यह अहम सवाल सत्ता के गलियारों में पूछा जा रहा है। ये सवाल दरअसल भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ही देन है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान पर चर्चा स्वाभाविक है। मोदी-शाह मय भाजपा कुछ भी कर ले, शिवराज को राजनीतिक रूप से ठिकाने लगाना नामुमकिन है। 3 दिसंबर के बाद भाजपा की अंदरुनी राजनीति तेज होने की उम्मीद है।