क्या शिवसेना अब बदल गई है और वह बाला साहेब ठाकरे के मिजाज से अलग है? आख़िर शिवसेना के नेता ही उद्धव ठाकरे के सामने तनकर क्यों खड़े हैं जहाँ बाल ठाकरे के सामने ऐसा करने की शायद ही किसी की हिम्मत हो?
महाराष्ट्र में संकट बढ़ गया है। मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ठाकरे ने मंत्री शब्द हटा दिया है। विधानसभा कभी भी भंग हो सकती है। कुछ और मंत्री भी गायब हैं।
एकनाथ शिंदे और शिवसेना के कई विधायकों की बगावत के बाद महाराष्ट्र में बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया है। शिवसेना ने इसे लेकर अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी को चेताया है।
महाराष्ट्र में मंगलवार को उद्धव की सरकार तो बच गई। लेकिन बुधवार के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे के पास पूरे 37 विधायक नहीं हैं जिसके दम पर बिना दल बदल कानून की हद में आए सरकार गिराई जा सके और बीजेपी की सरकार बनवाई जा सके। शिंदे को किसी बाहरी मदद का इंतजार है।
शिवसेना के कुछ विधायकों के अपहरण का आरोप लगाया गया है। विधायक नितिन देशमुख की पत्नी ने पुलिस में शिकायक की है कि उनके पति गायब हैं। नितिन देशमुख को सूरत में बागी एकनाथ शिंदे के साथ देखा गया है।
एकनाथ शिंदे फरवरी से ही भावी मुख्यमंत्री का ख्वाब देख रहे थे। उनके जन्मदिन पर फरवरी में ठाणे में बैनर लगाकर उन्हें भावी सीएम घोषित कर दिया गया था। यह बात आई-गई हो गई लेकिन शिवसेना की लीडरशिप ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जानिए कौन है एकनाथ शिंदे, जिसने उद्धव ठाकरे को मुसीबत में डाल दिया है।
महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के बाद विधान परिषद के चुनाव में भी मिली हार के बाद महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं।
महाराष्ट्र में आख़िर 22 सालों में पहली बार ऐसी नौबत क्यों आई कि राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग की ज़रूरत पड़ने वाली है? शह-मात के इस खेल में कौन मारेगा बाजी?