शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग की रोक के बाद पार्टी के मुखपत्र सामना ने एक संपादकीय छापा है। जानिए इसने इसमें शिंदे को लेकर क्या-क्या लिखा। पढ़िए, सामना का पूरा संपादकीय-
उद्धव ठाकरे ने चुनाव चिह्न और पार्टी के नाम पर रोक लगने के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे पर पहली बार तीखा हमला बोला है। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी शिंदे का इस्तेमाल सिर्फ शिवसेना को खत्म करने के लिए कर रही है। लेकिन यही बीजेपी एक दिन शिंदे को निकाल बाहर फेंकेगी।
शिवसेना में दोनों खेमों के बीच संघर्ष के बीच उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे खेमे ने पार्टी के नये नाम और चुनाव चिह्न तय कर लिया है। जानिए, इसने चुनाव चिह्न के लिए क्या पसंद किया है।
चुनाव आयोग के एक फ़ैसले से किस खेमे को तगड़ा झटका लगा है? जानिए, चुनाव आयोग के फ़ैसले का शिंदे खेमे ने स्वागत क्यों किया और उद्धव खेमे ने नाराज़गी क्यों जताई।
मुंबई में आज 5 अक्टूबर शाम को होने वाली दशहरा रैली शिवसेना के दो नेताओं उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे का राजनीतिक कद तय करने वाली है। शिंदे का रास्ता अलग हो चुका है। वो शिवसेना से बगावत करके बीजेपी की मदद से सरकार चला रहे हैं। दूसरी तरफ उद्धव अपनी राजनीतिक जमीन फिर से पाने की कोशिश कर रहे हैं।
असली शिवसेना किसकी है? उद्धव ठाकरे गुट की या फिर एकनाथ शिंदे गुट की? इस मामले में उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। जानिए अदालत ने क्या कहा।
गणेश विसर्जन के दौरान उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं में झड़प और फायरिंग के मामले में गिरफ़्तारी क्यों नहीं हो रही है? जानिए पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की है।
मुंबई में उद्धव ठाकरे की शिवसेना समर्थकों और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समर्थकों के बीच टकराव की खबरें हैं। शिंदे गुट के विधायक पर गोली चलाने का आरोप है। लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी उद्धव गुट के कार्यकार्ताओं की है। मौके पर पुलिस तैनात की गई है।
मुंबई के शिवाजी मैदान पर दशहरे के मौके पर होने वाली शिवसेना की रैली को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। जानिए पूरा विवरण।
अमित शाह ने बीजेपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक में क्यों कहा कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को धोखा दिया है और इसलिए सबक़ सिखाया जाना चाहिए? क्या बीजेपी को कड़ी चुनौती मिलने का डर है?
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार लंबे अर्से से रुके हुआ है। दो दिन पहले बहुत जोश दिखाकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि बहुत जल्द कैबिनेट बनेगी। लेकिन कहीं से कोई संकेत नहीं है। आखिर मंत्रिमंडल विस्तार क्यों रुका हुआ है।