दिल्ली में सातवीं बार विधानसभा के गठन के लिए चुनाव हो रहे हैं। बीजेपी एक बार, कांग्रेस तीन बार और आप दो बार दिल्ली की गद्दी पर बैठ चुकी हैं। केजरीवाल अपने काम पर और बीजेपी शाहीन बाग़ के ख़िलाफ़ वोट माँग रही है। देखिए दिल्ली का मूड, शीतल पी सिंह की विशेष रिपोर्ट 'दिल्ली किसकी' में।
संसदीय कार्य मंत्री (राज्य) अर्जुन मेघवाल ने राज्य सरकारों को सीएए के मसले पर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि राज्य इसे लागू करने से इनकार नहीं कर सकते। ऐसा तब है जब केरल ने विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है और सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी है। लगभग सारी विपक्षी राज्य सरकारें इसके ख़िलाफ़ हैं। इस नयी समस्या पर सवाल उठा रहे हैं शीतल पी सिंह।
जेएनयू में हिंसा हुई। दर्जनों नकाबपोशों द्वारा। तेज़ाब, लाठी, लोहे की रॉड के साथ होस्टल में घुस कर निहत्थे छात्रों और अध्यापकों पर हमला किया गया। तीन घंटे तक। क्या विश्वविद्यालय प्रशासन, पुलिस, केन्द्रीय सरकार की शह के बिना यह संभव है? क्या इस हिंसा के लिए साज़िश रची गई। देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और शीतल पी सिंह की चर्चा।
गृह मंत्री अमित शाह के ज़ोर देकर यह बोलने के बाद कि पहले वह नागरिकता क़ानून में संशोधन करेंगे और उसके बाद पूरे देश में एनआरसी लागू करेंगे, यह विवाद बढ़ा।
एचआरडी सेक्रेटरी ने ट्वीट कर कहा है कि जेएनयू प्रशासन ने पिछले फ़ैसले से बड़ा रोलबैक किया है। छात्र आंदोलन छोड़कर कक्षाओं में जाएँ जबकि छात्रों का कहना है कि यह आंदोलन में बँटवारे की साज़िश है और आंदोलन जारी रहेगा। क्या है पूरा मामला, देखिए शीतल के सवाल में।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने में इतनी जल्दी क्यों? 24 अक्टूबर को नतीजे। 8 नवंबर तक गवर्नर चुप बैठे रहे। पर शिवसेना को 48 घंटे भी देने को तैयार नहीं। क्या राज्यपाल ने निष्पक्ष भूमिका निभाई? या वह केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे थे? देखिए सत्य हिंदी पर वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और शीतल पी सिंह की चर्चा।
महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में एक के अलावा बाक़ी सारे एग्ज़िट पोल्स ने जो नतीजे दिखाए उन्होंने किसी भी तरह के “एरर ऑफ़ मार्जिन” के सिद्धांत को भंग कर दिया है।
झांसी में क़रीब 25 साल के नौजवान को एक ट्रिगर हैप्पी थानेदार ने अपने अहंकार अथवा रिश्वतखोरी के लिए गोली मार दी है। जनता इसे बर्दाश्त न कर सकी और सड़क पर है। परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि देश के देहात खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं लेकिन विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं और तमाम लोग भी। सोशल मीडिया पर इसकी सच्चाई खोलते चित्र और वीडियो वायरल हो रहे हैं।
महात्मा गाँधी के देश में वे कौन लोग हैं जो उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की जय-जयकार कर रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि इन लोगों को किसका समर्थन है, जिनके दम पर वह सोशल मीडिया पर खुलेआम ‘गोडसे अमर रहे’ को ट्रेंड करा रहे हैं।
जी-7 से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के साथ चल रहे व्यापारिक युद्ध में कुछ नए टैरिफ़ बढ़ाने की घोषणा करके सनसनी पैदा कर दी थी। अमेरिका-चीन में व्यापार युद्ध है, चीन का सिक्का चलता है तो भारत कहाँ टिकेगा?