देश भर में काले कोट में वकील खाकी वर्दी पहने पुलिसवालों को ढूंढ-ढूंढकर पीट रहे हैं। दशकों पहले किरन बेदी द्वारा दिल्ली के वकीलों पर कराये
गये लाठीचार्ज के बाद इस बार यह विवाद उससे ज़्यादा तूल ले गया है। क़ानून के दो प्रमुख स्तंभ एक-दूसरे के ख़िलाफ़ सड़क पर हैं। देखिये, सत्य हिन्दी के लिये वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह का विश्लेषण।