कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मल्लिकार्जुन खड़गे का खुलकर समर्थन किया है। क्या इसके लिए कांग्रेस का चुनाव प्राधिकरण उन पर कार्रवाई करेगा?
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 17 अक्टूबर को वोटिंग होनी है और 19 अक्टूबर को मतों की गिनती के साथ ही नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। इस चुनाव में खड़गे के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर हैं।
शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं । उनके सामने है मल्लिकार्जुन खड़गे । जिन्हें सोनिया गांधी की पसंद बताया जा रहा है । थरूर क्यों चुनाव लड़ रहे हैं ? हारने के लिये ? क्या है उनका एजेंडा ? कैसे बदलेंगे कांग्रेस अगर जीते तो ? आशुतोष ने की उनसे ख़ास बातचीत ।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर को दक्षिण भारत से कांग्रेसियों का वो समर्थन नहीं मिल रहा है, जिसकी उन्हें उम्मीद थी। 6 अक्टूबर को तमिलनाडु के अधिकांश कांग्रेसी प्रतिनिधि थरूर की बैठक में आए ही नहीं। केरल के बाद तमिलनाडु ने भी थरूर को निराश किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि उन्हें राहुल गांधी ने चुनाव लड़ने के लिए कहा था। थरूर ने कहा कि पार्टी के बड़े नेता मेरे साथ नहीं हैं। लेकिन इसके बावजूद मैं पीछे नहीं हटूंगा, क्योंकि जो मेरे साथ हैं, मैं उन्हें धोखा नहीं देना चाहता। थरूर ने केरल में यह बात कही।
कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल शशि थरूर ने रविवार को पीटीआई और एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि वो प्रत्याशियों के बीच में डिबेट को तैयार हैं। थरूर ने यह भी कहा कि खड़गे बहुत सीनियर हैं लेकिन वो बदलाव नहीं ला सकते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में नामांकन की आखिरी तारीख 30 सितंबर ही है। इसलिए शुक्रवार शाम तक यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में कौन-कौन उम्मीदवार हैं।
अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ते हैं तो इस मुकाबले में दिग्विजय सिंह और शशि थरूर आमने-सामने होंगे। लेकिन अगर अशोक गहलोत चुनाव लड़े तो तब भी क्या दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ेंगे?
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में 30 सितंबर तक नामांकन भरे जाने हैं जबकि 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। थरूर कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले थे और चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी।
अशोक गहलोत और शशि थरूर में से जीत किसे मिलेगी। क्योंकि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पूरी तरह तटस्थ रहने की बात कह चुकी हैं। इसलिए निश्चित रूप से चुनाव बेहद रोमांचक होगा।