महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में ये खबर जोर पकड़ने लगी है कि चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार ने ही ये पूरी बिसात रची है और उनकी इस बिसात में अजित पवार और बीजेपी के देवेंद्र फणनवीस फंस गये। पत्रकार संदीप सोनवलकर का विश्लेषणः
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज कराड रैली में भाजपा के खिलाफ युद्ध घोषित कर दिया। कहा कि महाराष्ट्र की जनता इसका जवाब देगी। कराड रैली के जरिए शरद पवार ने आज पवार पावर का प्रदर्शन कर दिया है। पवार ने 6 जुलाई को पार्टी की बैठक बुलाई है। बगावती विधायकों को 6 जुलाई तक पार्टी में लौटने का मौका दिया गया है।
एनसीपी नेता और अब महाराष्ट्र के नए डिप्टी सीएम अजित पवार ने 40 एनसीपी विधायकों के समर्थन का दावा किया है। उन्होंने आज राज्यपाल को एक सूची भी दी है लेकिन मीडिया के सामने उनकी परेड नहीं कराई। अजित पवार ने चुनाव आयोग से भी संपर्क साधा है। दूसरी तरफ एनसीपी ने सिर्फ 9 विधायकों पर अयोग्यता की मांग करते हुए विधानसभा स्पीकर को याचिका दी है। जानिए ताजा घटनाक्रमः
एनसीपी संगठन के तमाम नेता, पदाधिकारी पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ खड़े हो गए हैं। सभी बयान देकर समर्थन जता रहे हैं। जबकि शरद पवार ने राज्य का दौरा शुरू कर दिया है। आज कराड में उनकी जनसभा है। पार्टी ने विधानसभा में अपना मुख्य सचेतक भी बदल दिया है।
महाराष्ट्र के घटनाक्रम ने बता दिया है कि भाजपा तोड़फोड़ की राजनीति में न केवल सिद्धहस्त है बल्कि तोड़फोड़ की राजनीति ही उसका परमधर्म है। पढ़िए राकेश अचल की टिप्पणीः
महाराष्ट्र की राजनीति को फिर से हिलाकर रख देने वाले अजित पवार के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के फ़ैसले पर शरद पवार ने क्या कहा? जानिए, पवार की आगे की रणनीति क्या है।
महाराष्ट्र में आज जिस तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) टूटी है, उसमें दो स्थानों के घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। पहला अजित पवार के घर एनसीपी विधायकों की बैठक, दूसरा राजभवन में शपथ ग्रहण। इन दोनों ही जगहों पर एनसीपी के मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल मौजूद थे। पटेल की मौजूदगी ने कई सवाल छोड़ दिए हैं।
महाराष्ट्र के वयोवृद्ध दिग्गज नेता, पूर्व सीएम शरद पवार ने भाजपा पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा जहां-जहां कमजोर है, वहां वहां दंगे हो रहे हैं।
शरद पवार ने वारिस का एलान कर ही दिया। सुप्रिया सुले के साथ प्रफुल्ल पटेल भी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। लेकिन क्या करेंगे अजित पवार? एनसीपी और महाराष्ट्र की राजनीति पर इसका क्या असर होगा? आलोक जोशी के साथ ज्ञानेश वाकुडकर, वाहिद अली खान, रवि किरण देशमुख और सतीश के सिंह।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी में जो बदलाव किए गए हैं, उसके बाद क्या सबकुछ सामान्य है? जानिए अजित पवार को लेकर कयासों पर सुप्रिया सुले ने क्या कहा।