महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने में इतनी जल्दी क्यों? 24 अक्टूबर को नतीजे। 8 नवंबर तक गवर्नर चुप बैठे रहे। पर शिवसेना को 48 घंटे भी देने को तैयार नहीं। क्या राज्यपाल ने निष्पक्ष भूमिका निभाई? या वह केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे थे? देखिए सत्य हिंदी पर वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और शीतल पी सिंह की चर्चा।
बीजेपी का एक खेमा जिस तरह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ आक्रामक तेवर अपना रहा है? महागठबंधन में भी ऐसी ही स्थिति है। तो आख़िर चल क्या रहा है बिहार की राजनीति में?
गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद हिंदी को लेकर बड़ा विवाद शुरू हो गया है। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात करके कहीं संघ के पुराने एजेंडे हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान को लागू करने की कोशिश तो नहीं की जा रही है।
क्या आरक्षण पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस की नीति बदल रही है? संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबोले का ताज़ा बयान आरक्षण पर संघ के पुराने रुख में बदलाव का संकेत देता है।
लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में 12 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। इस मुद्दे पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और शीतल पी. सिंह का विश्लेषण।
कांग्रेस ने साफ़ कर दिया है कि राहुला गाँधी ही कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे। तो राहुल बिन क्यों नहीं चलती कांग्रेस? देखिए वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का विश्लेषण।
केंद्र सरकार की सभी आठ समितियों में अमित शाह शामिल हैं, लेकिन राजनाथ सिंह को मात्र दो समितियों में स्थान मिल पाया है। तो क्या राजनाथ सिंह पर भारी नहीं पड़ रहे हैं अमित शाह? देखें वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का विश्लेषण।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में नंबर 2 कौन है? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह या फिर गृह मंत्री अमित शाह? तसवीर अब साफ़ होने लगी है। यदि कैबिनेट समितियों को आधार मानें तो क्या अमित शाह भारी नहीं पड़ रहे हैं राजनाथ सिंह पर?
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस एक बड़े संकट में फँस गयी है। राहुल का कहना है कि अध्यक्ष कोई और बने। पर क्या कांग्रेस बिना नेहरू गाँधी परिवार के चल पायेगी? एक रह पायेगी?
चुनाव पूर्व के कुछ अनुमान हैं कि एनडीए 200 से 250 सीटों तक सिमट सकता है। ऐसे में नरेंद्र मोदी का पीएम बनना मुश्किल है। तो कौन होगा पीएम- गडकरी, राजनाथ सिंह, राहुल गाँधी, मायावती, ममता बनर्जी या कोई और?