राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के ठीक पहले संयुक्त राज्य अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने कहा है कि नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी से भारत के मुसलमानों का मताधिकार छिन सकता है। इसने यह भी कहा है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता में गिरावट आई है। आख़िर यह चेतावनी क्यों आई है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
नागरिकता क़ानून का खौफ़ कम क्यों नहीं हो रहा है? शाहीन बाग़ में नागरिकता क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट को मीडिएश पैनल गठित क्यों करना पड़ा? असम में एक महिला का मामला जो आया है कि 15 कागज़ात होने के बाद भी उन्हें एनआरसी में शामिल नहीं किया गया, क्या डराने वाली तसवीर नहीं है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
प्रशांत किशोर किसके दम पर आरजेडी नेता और बिहार के नीतीश कुमार से भिड़ रहे हैं? क्या उनकी चुनावी रणनीति इतनी मज़बूत है कि एक मँझे हुए नेता को हरा सकें? क्या उनको कुछ और सहयोग मिल रहा है? अगले चुनाव में वह कितना दे पाएँगे चुनौती? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। लेकिन उससे पहले ही शरद यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठी है और इससे विपक्षी दलों की एकजुटता बिखरती नज़र आ रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने दलों को निर्देश दिया है कि वे उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक केसों को सार्वजनिक तौर पर बताएँ और यह भी बताएँ कि ऐसे लोगों को टिकट क्यों दिया। क्या उम्मीदवारों की जानकारी वेबसाइट, सोशल मीडिया और अख़बारों में देने से दागी संसद और विधानसभाओं तक नहीं पहुँच पाएँगे? इसका कुछ असर होगा भी या नहीं, देखिए शैलेश की रिपोर्ट में।
प्रधानमंत्री मोदी से लेकर बीजेपी के सांसद और समर्थक तक हर नेता शाहीन बाग़ को उछालते रहे, लेकिन बीजेपी की ज़बरदस्त हार हुई। ओखला में ही बीजेपी को काफ़ी कम वोट मिले और आप के अमानतुल्ला ख़ान ने रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज क्यों की? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ चर्चा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की घोषणा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला था। लेकिन सवाल है कि सरकार ने काफ़ी लंबा वक़्त क्यों लिया? और जिस समय यह घोषणा की गई है क्या इसके राजनीतिक अर्थ नहीं निकालता है? वह भी वैसे समय में जब दिल्ली में चुनाव है और बीजेपी लगातार ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही हो। अभी क्यों की गई घोषणा? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
एनआरसी पर सरकार पीछे हट रही है या इस पर नयी पैंतरेबाज़ी कर रही है? गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने क्यों कहा कि एनआरसी पर अभी तक फ़ैसला नहीं हुआ है? क्या इसका एक मतलब यह नहीं होता है कि बाद में इसे लाया जा सकता है? क्या चाहती है सरकार, देखिए शैलेश की रिपोर्ट में।
आरएसएस और बीजेपी के नेता महात्मा गाँधी का सम्मान करते हैं या अपमान करते हैं? बीजेपी नेता ने क्यों कहा कि देश के लिए आज़ादी का संघर्ष गाँधी का एक ड्रामा था? ऐसे कई नेता हैं जब तब ऐसे ही बयान देते रहते हैं? आख़िर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ऐसा बयान किसकी शह पर देते हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
नागरिकता क़ानून, एनआरसी के ख़िलाफ़ जुलूस निकालने के दौरान जामिया में एक युवक ने फ़ायरिंग कर दी। इसने गोली क्यों चलाई? किसने उसको उकसाया? क्या यह हाल के दिनों में अनुराग ठाकुर जैसे नेताओं का भड़काऊ और नफ़रत फैलाने वाला भाषण या बयान का नतीजा है? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को जेडीयू से निकाल दिया गया। लेकिन क्या यह सिर्फ़ नीतीश कुमार के साथ ट्विटर वार का नतीजा है? या यह नागरिकता क़ानून के कारण अलगाव हुआ? पहले क्यों सबकुछ ठीक था, लेकिन नागरिकता क़ानून पर प्रशांत किशोर की अलग राय रखने के बाद सबकुछ खटपट हो गया था? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ के प्रदर्शन से क्या बीजेपी सरकार हिल गई है? बीजेपी के नेता क्यों भड़काऊ बयानबाज़ी कर रहे हैं? प्रवेश वर्मा, अनुराग ठाकुर, दिलीप घोष जैसे बीजेपी के नेता क्यों विवादास्पद बयान दे रहे हैं और कार्रवाई भी नहीं हो रही है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ चर्चा।
देश के गृह मंत्री अमित का यह बयान क्या अजीबोगरीब नहीं है कि बटन ऐसा दबाना कि शाहीन बाग़ में करंट लगे? क्या शाह नागरिकता क़ानून पर प्रदर्शन से घबरा गए हैं या दिल्ली चुनाव में बीजेपी की ख़राब हालत से? वैसे प्रशांत किशोर ने भी दिलचस्प दिया है कहा कि बटन तो प्यार से ही दबेगा पर जोर का झटका धीरे से लगेगा। देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बिना किसी के नाम लिए तानाशाही का ज़िक्र क्यों किया? उन्होंने असहमति को लोकतंत्र के लिए ज़रूरी क्यों कहा? क्या आज़ादी के नारे पर देशद्रोह की धमकी देने वाले यूपी के सीएम योगी इससे सबक़ लेंगे? क्या विरोध करने वालों से गृह मंत्री अमित शाह नरमी से पेश आएँगे? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
नागरिकता क़ानून पर प्रदर्शन से क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डर गए हैं? क्या प्रदर्शनों में 'आज़ादी' वाले नारे से वह हिल गए हैं? आख़िर वह 'आज़ादी' के नारे पर देशद्रोह लगाने की धमकी क्यों दे रहे हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।