एक हिंदू की मौत के बाद अंतिम संस्कार का संकट आ गया। 50 साल के इस व्यक्ति के बच्चे छोटे हैं। इसके घर के आस पास हिंदू आबादी नहीं है। लॉकडाउन के कारण बाहर से हिंदू रिश्तेदार नहीं आ पा रहे थे। तब मुसलमान पड़ोसी आगे आए। हिंदू रीति से अर्थी निकाली गयी। राम नाम सत्य है के बोल के बीच मुसलमान पड़ोसियों ने अर्थी को कंधा दिया। मुसलमानों ने ही चिता सजायी और फिर उसे अंतिम विदाई दो गयी। कोरोना और लॉकडाउन ने साम्प्रदायिक एकता की एक नई मिसाल पेश की। यह सब हुआ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जो साम्प्रदायिक दंगों के लिए चर्चा में रहता है। बुलंद शहर से अली शरर के वीडिओ और रिपोर्ट पर शैलेश का विश्लेषण।