अकेले दिल्ली में जुलाई तक साढ़े पाँच लाख लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। अस्पतालों में 80 हज़ार को भर्ती करना पड़ सकता है। इतने बेड और डाक्टर कहां से आयेंगे। शैलेश की रिपोर्ट
सरकारी अस्पतालों के डाक्टर और नर्स में भी कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। डाक्टरों की कमी होने लगी है। सरकारी अस्पताल कब तक सम्भाल पाएँगे कोरोना। शैलेश की रिपोर्ट।
देश के 16 प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोरोना पर मोदी सरकार के फ़ैसलों से क्यों नाराज़ हैं। क्या है उनकी 11 सिफ़ारिशें जिनको लागू करके अब भी स्थिति को सम्भाला जा सकता है। शैलेश की रिपोर्ट।
लॉकडाउन बढ़ने या छूट देने की घोषणा करने अब प्रधानमंत्री मोदी टीवी पर नहीं आ रहे हैं। कोरोना का सामाजिक संक्रमण शुरू हो गया है। शैलेश की रिपोर्ट में देखिए मोदी की बोलती क्यों बंद है।
बेंगलुरु के शोध संस्थान ने कहा है कि दिसंबर तक देश की आधी आबादी को कोरोना संक्रमण हो सकता है। दिल्ली के वरिष्ठ डा. ललित सहगल बता रहे हैं संक्रमण ज़्यादा बढ़ने पर क्या समस्या हो सकती है। शैलेश की रिपोर्ट।
महानगरों से निकल गाँव पहुँचे लाखों मज़दूरों ने साबित कर दिया है कि भारत में कोरोना का महासंक्रमण नहीं हो सकता। तो अब लॉकडाउन को पूरी तरह कब और कैसे ख़त्म करेगी सरकार? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ डॉ. जे पी मूलियिल बता रहे हैं कि लॉकडाउन की ज़रूरत क्यों नहीं थी। कोरोना से लड़ने की नीति बनाने वाले अब भी क्या ग़लती कर रहे हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
डिमेंशिया के शिकार आनंद को अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं किया गया? उसकी मौत कई सवाल खड़ा करती है। उधर वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. सुधीर त्यागी बता रहे हैं कि कोरोना से कौन सुरक्षित है और किसको ख़तरा है। शैलेश की रिपोर्ट।
क़रीब दो महीनो से देश की 135 करोड़ आबादी को डर के माहौल में जीने के लिए मजबूर करने के बाद सरकार भी अब मानने लगी है कि हर्ड इम्यूनिटी यानी सामूहिक प्रतिरक्षा से ही कोरोना ख़त्म होगा। देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
लॉकडाउन के बाद कोरोना के अलावा सभी रोगों के मरीज़ उपेक्षित हैं। कोरोना से हर दिन क़रीब डेढ़ सौ और बाक़ी रोगों से क़रीब 18 हज़ार लोग मरते हैं। कैंसर विशेषज्ञ डा. सुधीर रावल से इंटरव्यू पर शैलेश की रिपोर्ट।
भारत में कोरोना से हर दिन सौ से डेढ़ सौ मौत हो रही हैं लेकिन बाक़ी बीमारियों से हर दिन होने वाली मौत 18 हज़ार से ज़्यादा हैं। उनकी उपेक्षा क्यों ? शैलेश की रिपोर्ट