श्रीराम जन्म भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद दबे स्वर में यह सवाल उठाया जा रहा है कि इसके बाद क्या वाराणसी और मथुरा के विवादित मसजिदों को लेकर भी आंदोलन शुरू हो सकता है?
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर ज़्यादा नाराज़गी तो नहीं है, लेकिन कुछ विरोधाभास की बातें कही जा रही हैं। मिसाल के तौर पर फ़ैसले में कहा गया मंदिर तोड़कर मसजिद बनाए जाने की पुष्टि नहीं और मसजिद में मूर्ति रखना ग़लत। तो फिर फ़ैसला इससे अलग क्यों? सत्य हिंदी पर शैलेश की रिपोर्ट।
तीन साल पहले रात आठ बजे नोटबंदी के एलान के समय मोदी ने चार बड़े टार्गेट तय किये थे। क्या ये चारों लक्ष्य सरकार पाने में कामयाब रही? अर्थव्यवस्था पर इसका कितना ख़राब असर पड़ा? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से अयोध्या विवाद ख़त्म होगा या नहीं? यह इस पर भी निर्भर करता है कि फ़ैसला किस तरह का आता है? क्या फ़ैसला अनुकूल नहीं आएगा तो हिंदू या मुसलिम पक्ष झुकने को तैयार होगा? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
दूसरों को सुरक्षा देने वाली पुलिस आज इस हालत में कैसे पहुँच गई कि ख़ुद की सुरक्षा माँग रही है। दूसरों को न्याय दिलाने के लिए काम करने वाले वकील न्याय की माँग क्यों कर रहे हैं? देखिए 'शैलेश की रिपोर्ट' में न्यायिक बॉडी के सदस्य रहे और फ़िलहाल वरिष्ठ वकील शैलेंद्र यादव से बातचीत।
भारत ने आरसीईपी पर हस्ताक्षर से इनकार कर दिया। तो प्रधानमंत्री मोदी बैंकॉक से खाली हाथ क्यों लौटे? राजनीतिक हलकों में क्यों यह चर्चा है कि मोदी ने इसलिए आख़िरी क्षण में हाथ खींचे क्योंकि कांग्रेस और सोनिया गाँधी ज़ोर शोर से विरोध कर रही थीं? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
पूरे उत्तर भारत में हवा के ख़राब होने के लिए क्या किसान ज़िम्मेदार हैं? तो फिर सरकार क्या कर रही है? केंद्र की मोदी सरकार से लेकर राज्यों की सरकारों ने दमघोंटू प्रदूषण को कम करने के लिए क्या किया है? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक निर्दोष समाजसेवी को हत्या जैसे संगीन अपराध में फँसा दिया। और जब वरिष्ठ अधिकारियों की जाँच-पड़ताल के बाद पुलिस के चंगुल में फँसे तो अतिरिक्त जज ने कथित तौर पर उनको फिर से फँसाने की धमकी देकर रुपये की उगाही शुरू कर दी। इन सबका भंडाफोड़ हुआ एक स्टिंग ऑपरेशन में। देखिए शैलेश की रिपोर्ट में इस पर समाजसेवी दीपक शाह से ख़ास बातचीत।
भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार मिला। यह गौरव की बात है, लेकिन ट्विटर व दूसरे सोशल मीडिया पर ख़ुद को राष्ट्रवादी कहने वाले ट्रोल क्यों कर रहे हैं? इतना बड़ा सम्मान मिलने से क्या किसी को दिक्कत हो सकती है? 'राष्ट्रवादी' क्यों हैं नाराज़?
सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकल प्रभाकर ने ही की है। देश की आर्थिक स्थिति ख़राब है। निर्मला के पति ने क्यों उठाये सवाल? क्या निर्मला उनकी बात को सुनेंगी और आर्थिक फ़ैसले में बदलाव लाएँगी? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव सभा में विपक्ष को चुनौती दी कि हिम्मत है तो वह अनुच्छेद 370 को अपने घोषणा पत्र में शामिल करे। लेकिन क्या अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री चुनौती दे सकते हैं? क्या महाराष्ट्र में दूसरी समस्याएँ नहीं हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
लिंचिंग जैसे मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखने और प्रदर्शन करने पर महात्मा गाँधी अंतराराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के छह छात्रों को निकाल दिया गया। क्यों कारण बताया गया कि चुनाव संहिता का उल्लंघन है? क्या चुनाव का काम विश्वविद्यालय का है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
लोकसभा चुनाव में ज़बरदस्त हार के पाँच महीने बाद भी कांग्रेस हार के कारणों का विश्लेषण नहीं कर पाई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद क्यों कह रहे हैं कि राहुल गाँधी के 'छोड़कर चले जाने' से ऐसा हुआ? क्या इसका यह मतलब है कि कांग्रेस में सबकुछ राहुल के भरोसे था या है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
प्याज आम आदमी को ही नहीं, सरकारों को भी रुलाता रहा है। अब फिर से प्याज की क़ीमतें कई राज्यों में 80 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गई हैं। पहले तो कई सरकारें गिर गई हैं तो क्या इसका असर आगे के चुनावों में भी होगा? देखिए सत्य हिंदी पर शैलेश की रिपोर्ट।